पंजाब में हर साल ढाई फीट नीचे जा रहा है जल स्तर और 18 प्रतिशत ही बचा है पीने का पानी: राणा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के पानी को बचाने के लिए संघर्षरत पर्यावरणविद वीर प्रताप राणा ने कहा है कि होशियारपुर के जहानखेलां में लगाने वाली कोका-कोला कंपनी के खिलाफ लोग संघर्षरत हो रहे हैं तथा लोगों ने पानी को बचाने की खातिर आवाज़ बुलंद करनी शुरु कर दी है। परन्तु कंपनी लगाने के चाहवानों ने गांव-गांव घूमकर लोगों को लाचल देने का जो हथकंडा अपनाया है वह बहुत ही निंदनीय है। उन्होंने कहा कि अगर कंपनी वाले सच्चे हैं तो वे लोगों को लोभ क्यों दे रहे हैं तथा पता तो यह भी चला है कि गांवों के गणमान्य एवं पहुंच रखने वाले लोगों को पार्टियां तक भी दी जा रही हैं। अब इसमें कितनी सच्चाई है यह जल्द ही सबके सामने होगा।

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राणा ने कहा कि अगर उक्त कंपनी लगती है तो यह कंपनी हमारा सैकड़ों सालों तक चलने वाला पानी मात्र 5-7 साल में ही खत्म कर देगी व हमारा पानी हमीं को बेच कर चली जाएगी। जिसके बाद हालात रेगीस्तान से भी बदतर हो जाएंगे। इसके बाद हमारे पास न तो पानी होगा और न ही तंदरुस्ती। हमारे पास होंगी तो सिर्फ बीमारियां।

उन्होंने प्रमुख राजनीतिक पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि उक्त कंपनी को लगाने के लिए राजनीतिक पार्टियां भी कंपनी का सहयोग कर रही हैं, क्योंकि कंपनी द्वारा इनके भी पेट भर दिए गए होंगे? इसलिए वे इसका विरोध क्यों करेंगे, जबकि यह कंपनी लगने से होने वाले दुष्प्रभावों की सारी सच्चाई सबके सामने है।

जो सरपंच-पंच एवं गणमान्य यहां के युवाओं को नौकरी दिलाने के दावे कर रहे हैं वे आज ही युवाओं को नियुक्ति पत्र क्यों नहीं दिला रहे, जबकि कंपनी में जो वर्कर काम कर रहे हैं वे सभी यू.पी. बिहार के हैं। जो लोग कंपनी की हिमायत कर रहे हैं वे बताएं कि इलाके के युवाओं को किस दिन नौकरी दिलवाएंगे।

राणा ने सवाल किया कि क्या नौकरी मिलने से पानी बच जाएगा?

उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने इलाके और पानी को बचाने के लिए अपना संघर्ष जारी रखें और किसी भी प्रकार के लालच में आए बिना पर्यावरण की रक्षा हेतु आगे आएं।
अगर हमने आज अपने स्वार्थों को त्याग कर पानी को न संभाला तो आने वाले समय में तीसरा युद्ध पानी के लिए होगा इस आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पंजाब में हर साल पानी का स्तर ढाई फीट नीचे जा रहा है और पंजाब में 25 प्रतिशत पानी बचा है तथा उनमें भी 18 प्रतिशत पानी ही पीने लाय है और यह सरकारी रिपोर्ट के आंकड़े हैं। राणा ने कहा कि वे पर्यावरण और पानी की दुश्मन इस फैक्ट्री को बंद करवाने तक संघर्ष जारी रखेंगे।

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