चंडीगढ (द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार द्वारा ज़मीनों की हदबंदी के लिए जल्दी ज़मीन पर बुर्जियाँ लगाने का प्रोजैक्ट शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा राजस्व विभाग द्वारा जि़ला एसएएस नगर के दो गाँवों के एरिये की डिजिटल मैपिंग के द्वारा हदबंदी का पायलट प्रोजैक्ट शुरू किया गया है। इससे राज्य के ज़मीन मालिकों को अपनी जायदाद की निशानदेही करने में आसानी होगी। पंजाब के राजस्व मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने बताया कि राज्य भर में हदबंदी बुर्जियाँ लगाने के लिए उन्होंने प्राथमिक विचार -विमर्श कर लिया है और इस प्रोजैक्ट की विस्तृत समीक्षा के लिए उच्च अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं।
–राजस्व विभाग द्वारा एसएएस नगर के दो गाँवों के एरिये की डिजिटल मैपिंग का पायलेट प्रोजैकट शुरू
उन्होंने कहा कि यह प्रोजैक्ट काफ़ी अहम है क्योंकि इससे ज़मीनें की हदबंदी को लेकर होते झगड़ों से निजात मिलेगी और ज़मीन मालिकों को अपनी सम्पत्तियों की निशानदेही में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट के विभिन्न पहलुओं की जाँच करने के बाद आगे बढ़ा जायेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले राज्य में हदबंदी बुर्जियाँ स. प्रताप सिंह कैरो की सरकार के समय पर लगाईं गई थी और यह समय के साथ यह अपना अस्तित्व खो चुकी हैं।
-कसरकारिया द्वारा राजस्व विभाग को हदबंदी बुर्जियों के पहलुओं की जाँच करने के निर्देश
अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन इस कार्य को नये सिरे से शुरू करने की योजना है। गौरतलब है कि हदबंदी बुर्जियों का खर्चा पंचायतों द्वारा उठाया जायेगा। राजस्व विभाग के एक प्रतिनिधि ने बताया कि एस.ए.एस. नगर के दो गाँवों मुंडी और खरड़ और हरलालपुर के एरिये की प्रयोग के तौर पर डिजिटल मैपिंग की गई है। इस डिजिटल नक्शे पर मुरब्बा नंबर, किल्ला नंबर, किल्ला लाईन, मुरब्बा लाईन, रैफरैंस लाईन, सेहिद्दा और बुर्जियाँ दर्शायी गई हैं।
सैटेलाइट और हदबंदी नक्शो के सुमेल से तैयार किये गए इस डिजिटल नक्शो की मदद से नागरिक को अपनी जायदाद की निशानदेही करने में सुविधा होगी। इससे जहाँ आम नागरिक को अपनी जायदाद संबंधी जानकारी आसानी से मिल सकेगी, वहीं इसकी पगडंडियों को लेकर होते झगड़ों से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।