होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। क्षेत्रीय सरस मेले के आठवें दिन महिलाओं के लिए एंट्री नि:शुल्क होने के कारण मेले में महिलाओं की खासी भीड़ रही। वहीं मेले में आए शिल्पकारों की बनाई गई कलाकृतियां हर किसी को दांतो तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर रही हैं। इन कलाकृतियों में प्लास्टिक इनले वर्क (पुराने समय में हाथी दांत कलाकृति) को लोग खासे पसंद कर रहे हैं। हाथी दांत के नाम से मशहूर इस बारीक कारीगरी का कोई जवाब नहीं। हाथी दांत पर प्रतिबंध लगने के बाद प्लास्टिक इनले वर्क ने इसका स्थान ले लिया है, लेकिन कलाकारों ने ऐसी कलाकृतियां पेश की कि लोग हाथी दांत की कारीगरी को ही भूल गए हैं।
अतिरिक्त जिलाधीश (विकास) हरबीर सिंह ने कहा कि प्रशासन की ओर से इनले वर्क को प्रोत्साहिक करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। होशियारपुर केरु पन मठारु इनले वर्क में पंजाब के ऐसे पहले शिल्पकार है जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा शिल्पगुरु अवार्ड से 2016 में सम्मानित किया गया है। इनकी इस शिल्पकारी को देखते हुए प्रशासन की ओर से इन्हें स्टाल नंबर 1 दिया गया है और मेले में आने वाला हर शख्स पहले इसी स्टाल से अपनी शुरु आत करता है।
हरबीर सिंह ने कहा कि रुपन मठारु व उनके बेटे कमलजीत मठारु की इस शिल्पकारी को देखने के बाद ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने उन्हें चंडीगढ़ विशेष रुप से आमंत्रित भी किया है। मास्टर क्रिएशन के नाम से इनले वर्क का काम करने वाले कमलजीत मठारु ने कहा कि उनको यह कला विरासत में मिली है। उनके पिता रुपन मठारु पंजाब के पहले ऐसे व्यक्ति है जिन्हें इनले वर्क में शिल्पगुरु का अवार्ड 2016 में केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी से हासिल हुआ। इसके अलावा उनको व उनके पिता को नेशनल अवार्ड, नेशनल मैरिट व स्टेट अवार्ड भी मिल चुका है। उन्होंने बताया कि वे मेले में विशेष तौर पर फोल्डिंग टेबल लाए है जिसकी कीमत 20 लाख रु पए है और इसे बनाने में साढ़े चार साल का समय लग गया था। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक इनले वर्क की कारीगरी लकड़ी पर की जाती है और यह काफी बारीकी का काम होता है।
इसके अलावा क्षेत्रीय सरस मेले में इनले वर्क व लकड़ी पर कारीगरी कर अपना लोहा मनवाने वाले अन्य शिल्पकारो की कलाकृतियां भी लोगों को खूब भा रही है।दूसरी तरफ दिल्ली से आए काले खां नाम का व्यक्ति धर्म व मजहब की दीवारों से ऊपर उठकर जिंगल वैल बेच समरसता का संदेश दे रहे हैं। जिंगल वैल को महिलाएं व बच्चे काफी पसंद कर रहे हैं। इससे पहले मेले के सातवें दिन सांय दसूहा के विधायक अरु ण डोगरा(मिक्की) ने मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत की। विधायक डोगरा ने जहां स्टालों का दौरा किया वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनंद उठाया। इस दौरान ए.डी.सी(विकास) हरबीर सिंह ने विधायक डोगरा को विशेष तौर पर स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। हरबीर सिंह ने बताया कि 31 अक्टूबर को 65 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एंट्री बिल्कुल मुफ्त होगी। रोटरी क्लब होशियारपुर की ओर से विशेष तौर पर प्लास्टिक के लिफाफों की रोकथाम के लिए अभियान शुरु किया गया था, जिसके मुताबिक उनकी ओर से नि:शुल्क वातावरण अनुकूल लिफाफे बांटे गए।