होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू/जतिंदर प्रिंस। श्री बांके बिहारी सेवा मंडल वैल्फेयर कमेटी होशियारपुर की तरफ से चेयरमैन पंडित दीपक शारदा की अगुवाई में रोशन ग्राउंड में आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन की कथा का शुभारंभ मुख्य यजमान ब्रिजेश चंद्र अग्रवाल (विजय ब्राइडल) ने व्यास पीठ की पूजा करके किया। इस अवसर पर बाबा बाल जी महाराज कोटलां कलां ऊना वाले, स्नेहमयी मां स्नेह अमृतानंद जी, पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद, संजीव तलवाड़, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष सन्नी शर्मा, विश्वविख्यात फेज रीडर लक्की स्वामी व सहायक कमिशनर नगर निगम संदीप तिवाड़ी ने विशेष तौर से उपस्थित होकर व्यास पीठ को नमन किया और कथा श्रवण की।
कथा का शुभारंभ कथा व्यास गौरव कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने भगवान के अवतार की कथा से किया। उन्होंने कहा कि जब कंस का अत्याचार बढ़ा तो तीनों लोक भगवान के पास पहुंचे और उससे मुक्ति दिलाने की गुहार लगाई। इस पर प्रभु ने कृष्ण रुप में देवकी-वासुदेव के यहां जन्म लिया, जिन्हें देवकी के भाई कंस ने कारागार में बंदी बनाकर रखा हुआ था। भगवान के अवतरित होते ही तीनों लोकों में जयजयकार होने लगी और प्रभु की लीला के अनुसार सभी सुरक्षाकर्मी नींद के आगोश में चले गए तथा वासुदेव भगवान को सिर पर उठाए नंद के घर की तरफ चल देते हैं। कथा व्यास गौरव कृष्ण ने बताया कि जब वासुदेव जी यमुना तट पर पहुंचे तो तेज बारिश और तूफान के कारण यमुना में बड़ी-बड़ी लहरें उठ रही थी तथा यमुना प्रभु के चरण स्पर्श करने के लिए लिलाहित थी।
जैसे ही यमुना ने प्रभु से विनती की और प्रभु ने अपने चरण टेकरी से नीचे किए और यमुना ने उनके चरण स्पर्श किए और वासुदेव को रास्ता दे दिया। वासुदेव जी ने नंद के घर पहुंचकर प्रभु को उन्हें सौंप दिया। सुबह माता यशोधा नंदलल्ला के दर्शन करके धन्य हो गईं और पूरी नंद नगरी आनंद उत्सव में डूब गई। उन्होंने भजनों के माध्यम से आनंद उत्सव को शब्दों में बयान किया। भजनों पर उपस्थित श्रद्धालु खूब झूमें। स्वामी जी ने बताया कि जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ता है तो वे अवतरित होते हैं और अपने भक्तों को भय मुक्त करते हैं। इस मौके पर प्रधान रोहित शर्मा तहसील, दीपक अरोड़ा, रघुबीर बंटी, रोहित राधे, धीरज शर्मा, विनोद शर्मा, अनिल, चेतन, सन्नी, गट्टा, काली सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।