सीटी स्कैन मशीन खराब, मरीजों को करना पड़ रहा है भारी भुगतान

हमीरपुर(द स्टैलर न्यूज),रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। मेडिकल कालेज अस्पताल हमीरपुर में कऱीब 10 साल पुरानी सीटी स्कैन मशीन खराब होने से मरीजों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। सीटी स्कैन मशीन का साफ्टवेयर उड़ गया है। इस वजह से गंभीर स्थिति के मरीज को तो मजबूरन महंगे दामों पर निजी क्षेत्र में जाकर सीटी स्कैन करवाना पड़ रहा है। तर्क यह भी है कि अस्पताल में सीटी स्कैन की मशीन काफी पुरानी होने से आए दिन पार्ट खराब होने की शिकायत आ रही हैं। जानकारी के अनुसार मशीन पुरानी हो जाने के चलते यह न तो ए.एम.सी. के तहत आती है व न ही सी.एम.सी. के तहत आती है। पता चला है कि जिस कंपनी ने इस मशीन को स्थापित किया है, उस कंपनी का पता भी गलत है। अब मशीन कितने दिनों में ठीक होगी, इसका भी कोई अनुमान नहीं।

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प्रतिदिन मेडिकल कालेज अस्पताल में सीटी स्कैन करवाने के लिए एक दिन में करीब दो दर्जन लोग आते हैं। इनमे से करीब आधा दर्जन लोग ऐसे होते हैं जिनकी रात को भी सीटी स्कैन करनी पड़ती है। यही नहीं, संबधित लोगों को अब 900 रुपए की बजाए निजी अस्पतालों में 5 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। वहीं, मेडिकल कालेज को भी एक दिन का करीब 20 हजार रुपए प्रतिदिन का नुक्सान उठाना पड़ रहा है।

जोनल अस्पताल की पुरानी मशीनों के सहारे खुला नया मेडिकल कालेज

गौरतलब है कि नाहन व चंबा के बाद हमीरपुर में खोले गये मेडिकल कालेज पर बेशक करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हों लेकिन मशीनें जोनल अस्पताल के समय की प्रयोग में लाई जा रही हैं। यह मशीनें काफी पुरानी हो चुकी हैं। लिहाजा मेडिकल कालेज खुलने के बाद रोगियों की संख्या में भी बढ़ौतरी हो चुकी है।

क्या कहते हैं विभागाध्यक्ष

इस बारे में एक्सरे विभाग के विभागाध्यक्ष डा. पवन सोनी ने बताया कि खराब हो चुकी सीटी स्कैन मशीन की मरम्मत अब न ए.एम.सी. और न ही सी.एम.सी. के अंतर्गत आती है। संबंधित कंपनी का पता भी सही नहीं मिल रहा है। इस बारे उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।

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