रिक्शा पर बैठे-बैठे ही मौत के आगोश में समा गया “विनोद”

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गिरीश ओहरी। इंसान कितना भी अहंकार क्यों न करे, मगर सत्य यही है कि मौत से कोई नहीं बच सकता। हिन्दी फिल्म आनंद के एक डायलॉग के अनुसार कि कौन कब कहां कैसे उठेगा यह कोई नहीं जानता, मगर फिर भी इंसान की दौड़ है कि थमने का नाम नहीं ले रही। यह वाक्य आज उस समय चरितार्थ होते दिखे जब एक रिक्शा चालक विनोद की रिक्शा पर बैठे-बैठे ही मौत हो गई। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता व एम्बुलैंस को बुलाता तब तक विनोद दुनिया को अलविदा कर चुका था।

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जानकारी अनुसार जांच अधिकारी ओंकार सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी बस स्टैंड के समीप चिंतपूर्णी मार्ग (हीरा कालोनी मोड के समीप) पर रिक्शा पर एक व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में पड़ा हुआ है और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उसकी मौत हो गई हो, क्योंकि शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने मौके पर पहुंचकर जांच की तो व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि रिक्शा चालक की पहचान विनोद कुमार (45) निवासी जगीरपुरा (नजदीक रेलवे स्टेशन) के तौर पर हुई है। उन्होंने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल के शव गृह में रखवा दिया गया है तथा इस संबंधी धारा 174 की कार्रवाई की गई है।

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