पैतृक कृषि को नई सोच से जोडक़र एम.बी.ए. पास बलराम ने बनाया अपना मुकद्दर

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। होशियारपुर के गांव मड़ूली ब्राह्मणा के एम.बी.ए. पास नौजवान बलराम ने कृषि के पैतृक व्यवसाय को अपना उसमें नई सोच का तडक़ा लगा उसे अपना मुकद्दर बना लिया है। कुछ अलग करने की सोच व रुरल सैल्फ इंप्लायमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट(आर.एस.ई.टी.आई) ने उसके इस सपने को हकीकत में बदला है और बलराम अपनी आधुनिक फ्लोर मिल खोल अपने ही खेत के गेहूं से आटा बना कर बाजार में सप्लाई कर रहा है। भविष्य में उसकी योजना इसी काम को और बढ़ा कर हल्दी व चावल सप्लाई की भी है। जिलाधीश ईशा कालिया ने कहा कि एक और जहां बलराम जैसे युवाओं के लिए सरकार की ओर से विभिन्न ऋण योजनाएं है, वहीं उनको काम में निपुण बनाने के लिए रु रल सैल्फ इंप्लायमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट(आर.एस.ई.टी.आई) भी चलाए जा रहे हैं जहां से अब तक 4378 युवा ट्रेनिंग लेकर ले चुके हैं जिसमें से 2652 युवा अपना रोजगार शुरु कर पैरों पर खड़े हो चुके हैं। उन्होंने नौजवानों को अपील करते हुए कहा कि आर.एस.ई.टी.आई की ओर से करवाए जा रहे व्यवसायिक कोर्स कर वे भी अपने पैरों पर खड़े होकर स्व रोजगार को अपनाए।

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– आधुनिक फ्लोर मिल खोल अपने ही ख्रेत के गेहूं से आटा बना बाजार में कर रहा हैं सप्लाई

बलराम की कहानी कहने मेें जितनी आसान लग रही है वास्तव में उतनी आसान है नहीं। इस मुकाम तक पहुंचने में जहां उसने बड़ी जद्दोजहद की वहीं सरकार की ऋण योजना ने भी उसके हौंसले को सही मंजिल दी है। दरअसल बलराम मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखता है। उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन एस.डी. कालेज से की और इसी कालेज से वर्ष 2009 में पी.जी.डी.सी.ए. की। इसके बाद उन्होंने एम.बी.ए. की पढ़ाई की। एम.बी.ए. करने के बाद वे अपने पैतृक व्यवसाय कृषि में पिता व बड़े भाई के साथ हाथ बंटाने लगे लेकिन जुनून कुछ अलग करने का था। फिर बलराम ने आधुनिक फ्लोर मिल खोलने के बारे में सोचा। उसने आस-पास की कई बड़ी फ्लोर मिलों का दौरा कर इसके बारे में जानकारी हासिल की। इस दौरान सबसे बड़ी समस्या आई पैसे की क्योंकि फ्लोर मिल के लिए उसे काफी पैसे की जरुरत थी।

– भविष्य में चावल व हल्दी सप्लाई के लिए भी बना रहा योजना

इसी बीच जब उसने स्व. रोजगार के लिए ऋण योजना व ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में सुना तो उसे उम्मीद की किरण दिखी। उसने ऋण व ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए अप्लाई किया और ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वह एक महत्वाकांक्षी और ऊर्जा से लबरेज बलराम था जो कि अपना व्यवसाय शुरु कर कुछ कर दिखाना चाहता था। बलराम ने बताया कि उसने बैंक ऑफ इंडिया होशियारपुर के माध्यम से पीएमईजीपी योजना के तहत 15, 30,000 रुपये के ऋ ण के लिए आवेदन किया। बैंक ऑफ इंडिया ने ऋ ण को मंजूरी दे दी और पीएमईजीपी योजना की आवश्यकता के अनुसार उसने पीएनबी आर.एस.ई.टी.आई. होशियारपुर में 5 मई 2018 से 14 मई 2018 तक सामान्य उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) प्रशिक्षण लिया जहां उसने विभिन्न व्यावसायिक तकनीकों को सीखा जिसमें उद्यमिता क्षमताओं की आवश्यकता, समस्या निवारण तकनीक, मार्केटिंग मैनेजमेंट, जोखिम लेने और लक्ष्य सेटिंग और आत्मविश्वास विकसित करना आदि प्रमुख थे।

इस ट्रेनिंग को करने के बाद उसे नई ऊर्जा मिली जिसने कि कारोबार को बढ़ाने में काफी मदद की। वह विशेष रूप से आत्मविश्वास हासिल करने और ग्राहकों और अन्य व्यावसायिक कौशल से निपटने के लिए पी.एन.बी. आर.एस.ई.टी.आई. होशियारपुर में दिए गए प्रशिक्षण से बहुत प्रभावित हैं। 31 वर्षीय बलराम फरवरी 2019 में अड्डा बसी दौलत खां में सिद्धी फ्लोर मिल खोलकर न सिर्फ एक सफल उद्यमी बन कर अपने पैरों खड़ा है बल्कि बाकी नौजवानों को भी स्व रोजगार के लिए प्रेरित कर रहे हैं। डायरेक्टर आर.एस.ई.टी.आई के.जी. शर्मा ने बताया कि संस्थान की ओर से अप्रैल 2019 से लेकर अब तक 64 युवाओं को ट्रेनिंग दी गई और 117 युवा अपना रोजगार शुरु कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि आर.एस.ई.टी.आई की ओर से कंप्यूटराइज्ड अकाउंटिंग, एस.सी, फ्रीज रिपेयर, मोबाइल रिपेयर, ब्यूटी पार्लर मैनेजमेंट, ड्रैस डिजाइनिंग, डेयरी फार्मिंग एंड वर्मी कंपोस्ट मेकिंग, पापड़, पिकल एंड मसाला पाउडर मेकिंग आदि प्रमुख कोर्स करवाए जाते हैं।

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