होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के जिला प्रधान व प्रांतीय उपमहामंत्री और मनोहर सेवा समिति के अध्यक्ष शहर के प्रमुख समाज सेवी सेठ नवदीप कुमार अग्रवाल जिन्होंने कुछ समय पहले ही कांग्रेस का हाथ थामा था ने धारा 370 हटाए जाने पर कांग्रेस के रवैये से क्षुव्ध होकर पार्टी से किनारा करने का फैसला लेते हुए इसे अलविदा कह दिया है। इस संबंधी आज यहां जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में सेठ नवदीप अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा देशहित में लिए गए धारा 370 हटाने के फैसले पर कांग्रेस द्वारा जो रवैया अपनाया गया है उससे उन्हें काफी चोट पहुंची है क्योंकि धारा 370 के कारण ही जम्मू-कश्मीर देश से कटा-कटा सा प्रतीत होता था और अभिन्न अंग कहे जाने के बाद भी वह अभिन्न अंग नहीं था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा इस दिन को काला दिन मनाए जाने की बात कहना भी तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि वे फौजी रह चुके हैं और वहां तैनात फौजियों की मनोदशा को भलीभांति समझते हैं।
फिर उन्होंने ऐसा बयान देकर जहां सैनिकों के मनोबल को ठेस पहुंचाई है वहीं भारतीय संविधान की मर्यादा का भी उलंघन किया है। आज पूरा देश धारा 370 खत्म होने की खुशियां मना रहा है तथा पंजाब ही एक ऐसा प्रदेश है जहां पर खुशी मनाने की मनाही कर दी गई और खुशी मनाने वालों को पकड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्या पंजाब सरकार लोकतंत्र की हत्या नहीं कर रही। धारा 370 व 35ए के कारण वहां के लोग आजतक भारत सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाए तथा कुछ अराजकतावादी लोगों ने सत्ता को अपने हाथों में रखकर वहां की जनता को बहकाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकी हैं। आज अगर भारत सरकार ने उन्हें स्वत्तयता से जीने का अधिकार दिया और वहां के विकास के मार्ग खोले हैं तो इसमें सभी को खुशी होनी चाहिए और सभी राजनीतिक पार्टियों को इसका स्वागत करना चाहिए। परन्तु धारा 370 हटाए जाने के दिन को काला दिन कहकर पंजाब सरकार ने देशभक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। सेठ नवदीप ने कहा कि इस बात से दुखी होकर वे कांग्रेस छोड़ रहे हैं तथा अब वे किसी भी राजनीतिक दल के साथ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे उक्त संस्थाओं के साथ जुड़े हैं और उनके माध्यम से समाज सेवा का क्रम जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि सेठ नवदीप अग्रवाल लंबे समय से संघ व भाजपा से जुड़े रहे थे तथा कुछेक कारणों के कारण वे कुछ समय पहले ही कैबिनेट मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा की अगुवाई में कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसके बाद से उन्हें भाजपा में वापिस लाने के प्रयास किए जा रहे थे, मगर सेठ नवदीप द्वारा श्री अरोड़ा द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्यों एवं उनकी दूरगामी सोच के चलते कांग्रेस में बने रहने का निर्णय लिया गया था। धारा 370 पर कांग्रेस के रवैये और पंजाब सरकार द्वारा जारी किए फरमान से नाराज होकर आज उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है तथा सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से समाज सेवी कार्य जारी रखने की बात कही। यह बात जहां कांग्रेस के लिए झटके से कम नहीं है वहीं सेठ नवदीप के इस फैसले से भाजपा लीडरशिप को उनकी घर वापसी की उम्मीदें दिखाई देने लगी हैं, क्योंकि भले ही सेठ नवदीप भाजपा में सीधे तौर पर किसी पद पर नहीं थे, मगर संगठन के विभिन्न कार्यों में इनका योगदान इन्हें विशेष बनाए हुए था। वैसे एक तरफ जहां पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद ग्रुप सेठ को भाजपा में लाने के प्रयास कर रहा है वहीं पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला भी काफी समय से सेठ नवदीप की घर वापसी को लेकर उनसे कई बार भेंट कर चुके हैं।