श्री कृष्ण कथामृत में भगवान श्री कृष्ण जी की बाल लीलाओं का हुआ वर्णन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के तत्वधान में दशहरा ग्राउंड मुकेरियां में पांच दिवसीय श्री कृष्ण कथामृत का आयोजन किया जा रहा है कथा के तीसरे दिन की शुरुआत जी ने परिवार सहित पूजन किया कथा में श्री आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी सुश्री जयंती भारती जी ने भगवान श्री कृष्ण जी की बाल लीलाओं का वर्णन किया उन्होंने बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि प्रभु श्री कृष्ण ने जन कल्याण के लिए द्वापर युग में अवतार लिया प्रभु जब कोई कार्य करते हैं तो वह लीला कहलाती हैं प्रभु द्वारा की गई प्रत्येक लीला में अध्यात्मिक रहयस्य छिपे होते हैं, लेकिन समय के गर्त में वे धूमिल हो जाते हैं जिसके कारण मनुष्य सत्य के मार्ग से भटक जाता है समय-समय पर संत महापुरुष इस धरा पर आकर उन रहस्यों को उजागर करते हैं प्रभु जब जब इस धरा पर आकर लीला करते हैं साधरण मानव उन लीलाओं को समझ नहीं पाते क्योंकि हम अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हैं लेकिन प्रभु बुद्धि का विषय नहीं है प्रभु को तत्व से जानने के पश्चात ही प्रभु की लीलाओं के वास्तविक मर्म को समझा जा सकता है,

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भगवान श्री कृष्ण ने जब माटी खायी यशोदा ने कन्हैया का मुख खोलकर दिखने को कहा प्रभु ने मैया को अपने मुख में बह्माण्ड का दर्शन करवाया। इस लीला के माध्यम से प्रभु ने समझाया कि जो कुछ भी इस ब्रह्मांड में है वह सब घट के भीतर भी है गुरु के द्वारा प्राप्त ज्ञान से ही यह समझ आता है भगवान श्री कृष्ण गोपियों के घर में जाकर माखन चुराते थे माखन चुराने का मतलब है कि वे भक्त के चित की चोरी करते हैं वे हमसे हमारा मन मांगते हैं समाज की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक मनुष्य का अंत: करण अंधकारमय में है और अज्ञानता के तम से आचदित के भीतर होती है। जब-जब मानव के भीतर अज्ञानता, व्याप्त होती है तब तब मानवों का समाज मानवता से रिक्त हो जाता है। मानव में मानवीय गुणों का हास होने लगता है समाज में अधर्म, अत्याचार अनाचार भ्रष्टाचार ,व्हवायाचार, व्याआदि कुरीतियां अपना सिर उठाने लगती है यही कारण है कि हमारे ऋषि-मुनियों में उस परम तत्व तत्व के समक्ष यह प्रार्थना की हे प्रभु हमारे भीतर के अंधकार को दूर कीजिए ताकि ज्ञान प्रकाश को पाकर हम अपने जीवन को सुंदर बना सके।

जब तक मानव अज्ञानता के गहन अंधकार त्रस्त रहेगा तब तक उसका सर्वागीन विकास संभव नहीं है अंधेरा हमें भ्रमित भी करता है और भयभीत भी करता है। प्रकाश में ब्रह्मा दूर होता है उसी प्रकार आंतरिक ज्ञान से आंतरिक अज्ञान तमस का नष्ट होता है। ज्ञान की प्राप्ति किसी पूर्ण गुरु की शरण में जाकर ही होगी जो मानव के भीतर उस ईश्वरी प्रकाश को प्रकट कर देते हैं यही कारण है कि शास्त्रों में जब भी इस ज्ञान प्रकाश के लिए मानव जाति को प्रेरित किया है तो इसकी प्राप्ति हेतु गुरु के सानिध्य में जाने का उपदेश दिया कथा में साध्वी बहनों ने सुमधुर भजनों का गायन किया कथा का समागम के दौरान भाव विभोर श्रद्धालुओं का सैलाब प्रतिदिन कथा प्रवचनों को श्रवण करने के लिए उमड़ रहा है।

कथा का समापन विधिवत प्रभु की आरती के साथ हुआ आरती में विशेष रूप में डा. कुलदीप नंदा जिला प्रधान कांग्रेस, एडवोकेट राकेश मरवाहा चेयरमैन इम्प्रूलमैंट ट्रस्ट, ज्योति पुरी देवा,बाबा जी गिरी जी क्लोते वाले, प्रिंसिपल राजेश रतन सॉवरिन स्कूल, विवेक शर्मा माइक्रोचिप अकैडमी, दविंदर भास्कर जिला संयोजक धर्म जागरण, कृष्ण लाल, तरसेम मन्हास नरेंद्र पप्पी, विजय शर्मा आर. एस.एस, अनिल शर्मा आर. एस.एस,सूरज डोगरा, जसवीर, सुखजीत कौर, सुरजीत कतना, विवेक जैन एक्स्ट्रा स्मार्ट अकेडमी,ठाकुर सतपाल जी,राजीव छाबड़ा,सुनील अग्रवाल प्रोफेसर,लम्बरदार रणवीर,जनक राज शर्मा,हरविंदर सैनी,भूपिंदर एस.डी.ओ, सुनील कुमार कतना, कैप्टन सोहन लाल पैंथे, गुरपाल सिंह,अजेश शर्मा रणवीर सिंह चौधरी प्रेसिडेंट सीताराम मंदिर चीमा पोता,यशपाल सरपंच, दविंदर शर्मा प्रेसिडेंट विश्व हिंदू परिषद नरेश शर्मा शर्मा स्वीट शॉप, साभी ज्वेलर्स सुनील कतना, राजेंद्र शर्मा बिट्टू, प्रवीण कुमार रविंदर वर्मा, शिवनंदन धनोआ, सरपंच शिंगारा सिंह हरबंस सिंह, रमन, रछपाल सिंह ,अश्विनी ,श्रीमती श्रेष्ठा प्रधान बीजेपी महिला विंग, मास्टर संजीव शर्मा, लकी, रमन शर्मा, पवन शर्मा पम्मा पार्षद, रीना साहनी, सरोज सैनी, अनिल कुमार कुंद्रा, अशोक कुमार और भी श्रद्धालुगण उपस्थित थे।

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