उपभोगता को नकली उत्पादों का सेवन न करने और पहचान के बारे में किया जागरूक

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। श्रीमती सरस्वती देवी मेमोरियल एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी की तरफ से डिवाइन स्किल सेंटर पुरहिरा, होशियारपुर में एक सैमिनार का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य विषय उपभोगता को नकली उत्पादों का सेवन एवम् नकली उत्पादों की पहचान के बारे में जागरूक किया। जिसमें डा. रमन घई (प्रधान यूथ सिटीजन्स कौंसिल पंजाब) एवं विजय अगरवाल (वरिष्ट व्यापारी) विशेष रूप से उपस्थित थे। डा. रमन घई ने कहा कि यह अकसर देखा जाता है कि एक उपभोक्ता सही माल और सेवाएँ प्राप्त नहीं करता है। वह एक बहुत ही उच्च मूल्य चार्ज किया जाता है या मिलावटी या कम गुणवत्ता पर सामान को खरीदता है। इसलिए यह धोखा उसके बारे में पता करने के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक बनाने की जरूरत है ढ्ढ इसलिए यह माल जो मापा जाता है। उचित रूप से मिलना चाहिए और उसमे किसी भी तरह का धोखा ना होना आवश्यक है। उनके विज्ञापन के माध्यम से बड़ी कंपनिया भी उपभोक्ताओं को गुमराह करती है।

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विजय अगरवाल ने कहा कि जब हम किसी भी सामान को देखते हैं तो उसकी कुछ विशेष जानकारी पैकेट पर लिखी होती हैं। उसके साथ उस उत्पाद की खरीद भी लिखी होती है। इस तरह के रूप में कमोडिटी, निर्माण दिनांक, समाप्ति दिनांक, अच्छा आदि का विनिर्माण कंपनी के पते की संख्या बैच सब होता है। उन्होंने कहा कि चाइना के समान की बजाय भारत में निर्मित सामान खरीदना चाहिए। सोसायटी के अध्यक्ष निपुण शर्मा ने कहा कि जब हम कपड़े खरीदते है या कोई भी सामान खरीदते है, तो हमे उस पर लिखें निर्देशो पर ध्यान देना चाहिए। कम वजन, बाजार मुल्य से अधिक कीमत लेने, डुप्लीकेट माल आदि की बिक्री के रूप में कई मायनों में उपभोक्ताओं का दोहन किया जाता है। वर्ष 2005 में, भारत सरकार ने सूचना के अधिकार के रूप में जाना-जाता कानून बना दिया है। सूचना कानून के अधिकार सरकारी विभागों की सभी गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है।

भारत में उपभोक्ता संरक्षण की अवधारणा नई नहीं है। उपभोक्ता की रुचि व्यापार और उद्योग, कम वजन और माप, मिलावट और इन अपराधों के लिए दंड द्वारा शोषण के खिलाफ की रक्षा के संदर्भ कौटिल्य के अर्थशास्त्र में किए गए है। उपभोक्ताओं को न सिर्फ बिक्री और खरीद वस्तुओं की है, लेकिन स्वास्थ्य और सुरक्षा पहलुओं की वाणिज्यिक पहलुओं का पता होना करना भी है। खाद्य सुरक्षा के इन दिनों उपभोक्ता जागरूकता का एक महत्वपूर्ण तत्व बन गया है। खाद्य उत्पादों के मामले में, इसकी गुणवत्ता न केवल अपनी पोषण मूल्य पर, लेकिन यह भी मानव उपभोग के लिए इसकी सुरक्षा पर निर्भर करता है। यह सुनिश्चित करें कि निर्माताओं और विक्रेताओं एकरूपता और कीमतें, स्टॉक्स और उनके माल की गुणवत्ता में पारदर्शिता का निरीक्षण करने के लिए मजबूत कानूनी उपायों को बनाया गया है। इस समय पूजा शर्मा, गुरप्रीत कौर, राजिंदर कौर, मंजीत कौर, छविल अख्तर, ज्योति, एच.के.नक्ड़ा, आदि उपस्थित थे।

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