कौशल विकास के नाम पर ट्रैनिंग देने का फर्जीवाड़ा आया सामने

हमीरपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग देने के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा चल रहा है। राज्य शासन को धोखे में रखकर संस्थाओं ने अपना पंजीयन करा लिया है। उनके पास न तो कोई संसाधन है और न ही बिल्डिंग का किराया अदा किया जा रहा है।

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-स्टाफ को नहीं मिला वेतन, 8 माह से किराया बकाया, चैक हो रहे बाउंस

वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइड कराने वाले सैंटरों ने प्रधानमंत्री स्किल डेवल्पमेंट के नाम पर जो स्टाफ रखा है, उनका वेतन भी अटका हुआ है। इतना ही नहीं संचालकों की तरफ से जो चैक दिए गये वे सभी बाउंस हो गये। फर्ज़ीवाड़े का यह मामला हमीरपुर जिला में कुठेड़ा के साथ स्थित भाटी गाँव में हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के तहत प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अधीन चल रहे प्रशिक्षण सैंटर में सामने आया है।

सैंटर के संचालक सुमित सुंदर ने 20 मार्च 2019 को 35 हज़ार रुपए मासिक रेंट पर भाटी गाँव के अर्जुन सिंह राणा से भवन किराए पर लिया था। जिसकी रेंट डीड बनाई गयी। इस बारे में सुमित सुंदर ने 35 हज़ार रुपए का एक चैक जारी किया जो कि बाउंस हो गया। इसके बाद भी अर्जुन सिंह राणा को 8 माह से कोई किराया नहीं मिला। अर्जुन सिंह राणा का कहना है कि रेंट डीड की शर्तों के अनुसार उन्होंने अपने मकान की दीवारें तुड़वा कर सैंटर के अनुरूप कमरे बनाकर दिए। इससे उनका लाखों रुपए का नुक़सान हुआ है। अब 8 माह का किराया न मिलने व चैक बाउंस होने से उनके साथ फर्जीवाड़ा हुआ है।

इस बारे में वह कानूनी विशेषज्ञों से बात कर संचालक के खिलाफ़ क़ानूनी कार्यवाही करेंगे। इसके अलावा कौशल विकास की ट्रेनिंग के लिए जो स्टाफ़ रखा गया है उन्हें भी संचालक वेतन न दे पाया। वेतन के रूप में महिला स्टाफ़ को दिए गये सभी चैक बाउंस हो गये। इनका कहना है कि कौशल विकास की ट्रेनिंग के नाम से इस प्रकार की धाँधली होना शर्मनाक बात है। इस बारे में प्लान फ़ाउंडेशन के पूर्व संचालक सुमित सुंदर का कहना है कि अब वह संस्थान के संचालक नहीं है। उन्होंने माना कि बिल्डिंग का किराया नहीं दिया जा सका तथा चैक बाउंस हो गया। वर्तमान संचालक एम.आर. शर्मा का कहना है कि पूर्व में हुई गड़बडिय़ों के लिए वह जिम्मेदार नहीं है। इस बारे पूर्व संचालक पर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

-मॉनीटरिंग नहीं

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का पूरा काम तो वैसे ऑनलाइन है। ग्राउंड लेवल पर क्या हो रहा है? क्या नहीं होना चाहिए? इसकी मॉनीटरिंग करने के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी यहां तैनात नहीं है। जो डिटेल सैंटर के संचालक देते हैं, उसी को सही मान लेते हैं।

-शिकायत की जांच कराएंगे

इस बारे में कौशल विकास निगम के जिला समन्वयक राजेश भारद्वाज का कहना है कि भाटी गाँव में चले सेंटर में विवाद की शिकायत उनके पास आई है। वह स्वयं मौक़े पर जा कर जाँच करेंगे। अगर किसी भी तरह से गलत कार्य किया जा रहा है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के प्रांत संयोजक नवीन शर्मा का कहना है कि सेंटर संचालकों को मामला सुलझाने के बारे कहा गया है। इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी कर अनियमतताओं को शीघ्र दूर करने के आदेश दिए गये हैं।

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