अवैध माइनिंग: किसान खेत से मिट्टी उठाए तो पर्चा, राजनीतिक आशीर्वाद पर पुलिस और माइनिंग विभाग की आंखें बंद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। अगर आप साधारण आदमी हैं और आपको जरुरत पडऩे पर मिट्टी व रेत आपको या तो महंगे भाव खरीदने को मजबूर होना पड़ेगा या फिर आपको किसी रसूखदार के आगे विनती करनी होगी तब जाकर आपकी जरुरत पूरी होगी। अगर, ऐसे में पुलिस या माइनिंग विभाग की टेढ़ी नजर सप्लाई वाली ट्राली पर पड़ जाए तो आपको इसके लिए पुलिस और माइनिंग विभाग के तरले करने को भी मजबूर होना पड़ सकता है। परन्तु, राजनीतिक आकाओं से आशीर्वाद प्राप्त लोगों पर कार्यवाही के स्थान पर पुलिस और माइनिंग विभाग द्वारा उसे अनदेखा कर दिया जाता है तथा कोई न कोई बहाना बनाकर उसे टाल दिया जाता है।

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जैसा कि आज 2 नवंबर को सामने आए एक मामले में हुआ। धोबीघाट चौक से चो की तरफ काजवे के समीप जे.सी.बी. मशीन द्वारा मिट्टी उठाकर ट्रालियों में भरकर उठाई जा रही थी। इसकी जानकारी जब पुलिस को दी गई तो मौके पर पहुंची पुलिस ने जब इस संबंधी पता किया तो जानकारी मिली कि किसी संत द्वारा मिट्टी को खेत की बट्ट बनाने के लिए उठाया जा रहा था। जबकि सूत्रों के अनुसार मामला कुछ और ही था। परन्तु राजनीतिक आशीर्वाद प्राप्त चल रहे इस कार्य को रोकने व इस पर कार्यवाही करने के स्थान पर पुलिस द्वारा खानापीर्ति कर दी गई। जबकि, माइनिंग अधिकारी को फोन पर सूचना देने के लिए काफी बार संपर्क किया गया, पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार राजनीतिक आका के आशीर्वाद से लंबे समय से अवैध माइनिंग का कार्य काफी फलफूल रहा है। यह भी पता चला है कि जो व्यक्ति माइनिंग करवा रहा था उसे ट्रैक्टर-ट्राली के साथ-साथ टैंकर भी रखा हुआ है और मिट्टी उठाने के लिए गड्डे आदि भी रखे हुए हैं, क्योंकि गड्डों और रेहड़ों के माध्यम से रेत व मिट्टी उठाने पर रोक न होने का कारण वह इनकी आड़ में इस धंधे को बेरोक-टोक चला रहा है। सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मशीने लगाकर मिट्टी को ट्रालियों में भरकर एक जगह पर स्टोर कर लिया जाता है तथा शिफ्टिंग के नाम पर मिट्टी व रेत को महंगे भाव बेचकर खूब मुनाफा बटोरा जा रहा है। जिसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए तो कई खुलासे होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। परन्तु एक संत और उनके करीबी राजनीतिक आका के आशीर्वाद से उक्त व्यक्ति द्वारा कानून को छिक्के पर टांगकर लंबे समय से माइनिंग से खूब चांदी बटौरी जा रही है। सवाल यह है कि एक आम किसान अपनी जमीन से मिट्टी उठाकर दूसरी तरह भी नहीं डाल सकता तथा मामला सामने आने पर पुलिस और माइनिंग विभाग किसान को कानून का ऐसा पहाड़ा पढ़ाते हैं कि किसान खेत में जाने से भी डरने लगता है। परन्तु बिना मंजूरी राजनीतिक शह पर इस प्रकार मिट्टी व रेत को उठाए जाने पर पुलिस व माइनिंग विभाग की चुप्पी कई सवालों को जन्म देने के लिए काफी है।

इस संबंधी जब मौके पर पहुंचे थाना सिटी प्रभारी गोबिंदर कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मिट्टी को खेत की बट्ट बनाने के लिए उठाया जा रहा था व उन्होंने मुलाजिम भेजकर इसकी सच्चाई का भी पता किया था। बिना आज्ञा मिट्टी उठाई जा सकती है के सवाल पर वह चुप्पी साध गए। इस संबंधी माइनिंग विभाग के अधिकारी से बात नहीं हो सकी।

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