होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से गुरु पर्व के उपलक्ष्य में अपने गौतम नगर स्थित स्थानीय आश्रम में दो दिवसीय विलक्षण योग एवं ध्यान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें संस्थान की ओर से श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी विज्ञानानंद जी ने दैहिक योग का प्रकृति योग से समन्वय करते हुए बताया कि योग के लिए मनुष्य हेतु शुद्ध ऑक्सीजन की पूर्ति का होना आवश्यक है क्योंकि जन्म से मृत्यु तक सारे जगत के प्राणियों को अपने ऊपर धारण करने वाली धरती सबकी माँ है। तभी तो इसे मातृ भूमि भी कहा जाता है।
परंतु खेद का विषय है कि कृषि प्रधान भारत देश के अधिकतर किसान आज फसल काटने के बाद धान की पराली के रूप में अपनी धरती माँ के वक्ष स्थल पर आग लगा रहे हैं। जिससे प्राकृतिक आपदाएं भी बढ़ रहीं हैं। स्वामी जी ने धान की पराली को आग लगाने के दुष्परिणाम बताते हुए कहा कि इससे भूमि की उपजाऊ शक्ति कम होने के साथ फसलों के मित्र कीट भी मर जाते हैं जिससे फसलों को अधिक बीमारियां लगने के कारण इन्हें नियंत्रण करने के लिए फसलों पर रासायनिक खादों के रूप में और अधिक जहर का छिडक़ाव करना पड़ता है।
प्रकृति का योग के साथ संबंध बताते हुए स्वामी जी ने योग साधकों को पौधारोपण करने व जल सरंक्षण करने की प्रेरणा भी दी। स्वामी जी ने साधकों को सूर्य नमस्कार, वीरभद्रासन, अनुलोम विलोम प्राणायाम, कपोल शक्ति विकासक प्राणायाम, चक्षु व्यायाम इत्यादि क्रियों का विधिवत् अभ्यास करवाते हुए इनके शारीरिक लाभों से भी परिचित करवाया। इस विशेष उपलक्ष्य में कार्यक्रम के अंत में साधकों ने समूहिक रूप में धरती मां की रक्षा करने के लिए के लिए फसलों की नाड़ ना जलाने, नशा न करने, चरित्र निर्माण, जल संरक्षण, पौधारोपण कर प्रकृति ओर संस्कृति का संरक्षण करने का सामूहिक संकल्प भी लिया। कार्यक्रम के अंत में साध्वी रुक्मणी भारती व कृष्ण प्रीता भारती जी ने साधकों के साथ मिलकर मन्त्रों का उच्चारण भी किया। साधकों ने सम्पूर्ण लाभ प्राप्त करते हुए तथा कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए संस्थान का हार्दिक आभार व्यक्त किया।