भाजपा नेता पर कांग्रेसी मेहरबान: विरोध तो दिखावा है, जब रेत-मिट्टी से भर रही तिजोरी

खड्डों व चो से रेत व मिट्टी उठाने पर लगाई गई पाबंदी के चलते जहां इस कार्य पर निर्भर लोगों के लिए व्यवसाय व घर का खर्च चलाना भी मुश्किल बना हुआ है वहीं एक चो से दिन-रात हो रही अवैध माइनिंग के कारण राजनीतिक पैंठ व अधिकारिक पहुंच वाले भाजपा के एक नेता इन दिनों खासे चर्चा में हैं। नेता जी पर कांग्रेसी मेहरबानी के चलते उनके इलाके में माइनिंग विभाग वाले तो क्या किसी पुलिस अधिकारी की भी जाने की हिम्मत नहीं है, जिसके चलते सरेआम खुदाई और ढुलाई का काम दिन रात जारी है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार होशियारपुर-ऊना रोड पर पड़ते गांव नारा-डाडा के चो में चल रही अवैध माइनिंग से वहां पर बड़े-बड़े गड्ढे बनने से जहां चो का स्वरुप पूरी तरह से ुबगड़ रहा है वहीं वन क्षेत्र को भी खासा नुकसान पहुंच रहा है। 

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एक तरफ नेता जी की भाजपा के नेताओं के बीच पकड़ और दूसरा कांग्रेस के बड़े नेता का आशीर्वाद मिलने से उनकी ताकत इन दिनों दोगुणी हो चुकी है?। ऐसा भी माना जा रहा है कि यह नेता अकसर ही कांग्रेस के खिलाफ बोलने से बचते देखे जा सकते हैं और अगर रोष व्यक्त करना भी पड़ जाए तो ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जो यहां के बड़े कांग्रेसी नेता को बुरे न लगें। भाजपा नेता का इस पैंतरे से इन दिनों उनके कई साथी भाजपा नेता भी हैरान हैं। क्योंकि, यह भी चर्चा में है कि भाजपा नेता जी के इशारे पर चल रहे अवैध खनन से उठाई जा रही मिट्टी कांग्रेसी नेता की जगह में भर्ती के लिए फेंकी जा रही है।  यह चर्चा सामने आने से इस बात का भी खुलासा होता है कि कार्यकर्ता किस तरह बिल्लियों के जैसे दूध के लिए लड़ रहे हैं और मलाई कोई और ही खा रहा है।

पार्टी सूत्रों और माइनिंग से जुड़े सूत्रों की मानें तो नेता जी अवैध माइनिंग करने वाले एक व्यक्ति के साथ भाईचारक सांझ में काम चला रहे हैं। मशीन उसकी और ट्रैक्टर-ट्रालियों व टिप्परों में हिस्सेदारी से खूब माल बटौरा जा रहा है। अब बड़े नेताओं की सांठगांठ हो और एक दूसरे पर भरोसा तो भाई किस अधिकारी या पुलिस वाले की हिम्मत है कि अवैध खनन को रोके।

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दूसरी तरफ माइनिंग विभाग के सूत्रों की मानें तो वे कार्यवाही तो करना चाहते हैं, परन्तु तबादले का डर और अवैध माइनिंग वालों की गुंडागर्दी के आगे पूरी तरह से बेबस होकर जैसे तैसे अपने फर्ज की इतिश्री करने में लगे हैं। ऐसा नहीं है कि चंद पुलिस वाले इस खेल में मालामाल हो रहे हैं या नेतागण तिजोरियां भरने में लगे हैं, माइनिंग विभाग से जुड़े कर्मियों को भी बैठे बिठाये सब पहुंच जाता है। अगर ऐसा न हो तो किसकी हिम्मत की एक बोरी रेत या मिट्टी की चो या खड्ड से भर सके। खैर फिलहाल बात हम कर रहे हैं भाजपा नेता की शातिर चाल और कांग्रेसी आशीर्वाद से कि साथ चल रहे कार्यकर्ता को भी इसकी भनक न लगे कि आखिर हो क्या रहा है व चल क्या रहा है। वैसे पार्टी में भी चर्चा है कि जब से जनाब के सिर पर ताज सजा है तब से गुटों में बंटी भाजपा के प्रत्येक गुट में दूरीयां पहले से और बढ़ गई हैं और कार्यकर्ता की सुनवाई नहीं हो रही तथा वे खुद केो ठगा सा महसूस कर रहे हैं। परन्तु यह चर्चा सामने आने के बाद पार्टी की क्या प्रतिक्रिया रहती है यह वे ही जाने, मगर इतना जरुर है कि आज पद और प्रतिष्ठा समाज या पार्टी के लिए कुछ करने के लिए नहीं बल्कि खुद का कल संवारने के लिए ही लिए जा रहे हैं। इसके लिए पार्टी व समाज का जितना भी नुकसान हो इससे उन्हें कोई मतलब नहीं।

रेत ऊना से आ रही है दिखाकर यहां की खड्डों से उठाकर बेचने का सिलसिला जिस तेजी से चल रहा है उससे आने वाले कुछ ही समय में होशियारपुर जहां पानी की कमी से जूझेगा वहीं रेत व मिट्टी के भी तरस जाएगा। मगर, नेताओं को क्या, अब भाई मौका मिले और माल न बने ऐसा थोड़े ही होता है। वैसे आपकी आदत न हमेशा ही विरोध की रहती है, कभी किसी की तारीफ भी कर दिया करो, यह वाक्य अकसर ही पाठक मुझसे कहते हैं। परन्तु कलम ने भी सच लिखना बंद कर दिया तो फिर क्या होगा यह सोच कर आड़े-टेढ़े शब्दों में बिना नाम लिए सच लिखने का प्रयास करता हूं, वैसे पिछली दफा मैंने कहा था कि चोर की दाड़ी में तिनका और नाम खुद-ब-खुद ही सामने आ जाता है, क्योंकि मिर्च लगने पर चीस उठ ही जाती है। मैंने जो कहा था कह दिया, कार्यकर्ताओं को मेरी सलाह है कि नेताओं के पीछे लगकर आपस में न उलझें चाहे वे अपनी पार्टी हो या फिर विरोधी, कुछ तो मिजाज नेता जी का भी पढ़ लिया करें। धनयवाद। फिर मिलेंगे, जय राम जी की।

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