निष्काम भाव से की गई सेवा ही होती है सत्गुरू को प्रवान: महात्मा अवतार सिंह

गढ़दीवाला (द स्टैलर न्यूज़)। संत निरंकारी सत्संग भवन गढ़दीवाला में क्षमा याचना दिवस मुखी महात्मा अवतार सिंह का नेतृत्व में मनाया गया। इस दौरान संचालक महात्मा सुरजीत सिंह, शिक्षक सुखबीर सिंह रूपोवाल, डा. सुखदेव सिंह रमदासपुर, सहायक संचालिका बहन शशि बाला और शिक्षका बहन सुषमा रानी की अगवाई में सेवादल के सदस्यों ने क्षमा याचना शब्दगान करके सत्गुरू और निरंकार प्रभु से समागम दौरान की गई सेवाओं दौरान हुई भूलों के लिए माफी माँगी और अरदास की कि आगे से भूलों न हो।

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इसके उपरांत मुखी महात्मा अवतार सिंह ने कहा कि तन, मन और धन से ऊँची सेवा वहीं मानी जाती है जो निष्काम और निरइच्छित भाव के साथ की जाये और वहीं सेवा सतगुरू को प्रवान होती है। गुरसिख हमेशा सतगुरू के समय के मुताबिक जिस तरह के हुक्म आते हैं, गुरसिख उसको उसी तरह ही मानता चला जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे गुरसिख की रक्षा भी आप ख़ुद भगवान करता है। इस मौके भारी संख्या में संगतें उपस्थित थे।

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