मानवता ही सच्चा धर्म है : माता सुदीक्षा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। इंसान मानवीय गुणों को अपना कर ही इंसान कहलाने का हक्कदार बन सकता है। उक्त विचार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने आज बरनाला की नई दाना मंडी में आयोजित निरंकारी संत समागम के दौरान हजारों की गिनती में उपस्थित संगतों को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि मानवता ही सच्चा धर्म है। परमात्मा ने संसार में सारी सृष्टि की रचना की है जिसमें पशु, पंछी, जानवर समान रूप में अपना कर्म कर रहे है पर इंसान भूल जाता है तथा तंगदिली को अपनाता हुआ परमात्मा को आखों से ओझल करता जा रहा है तथा माया में ग्रस्त होकर प्यार, सत्कार की भावना भूलता जा रहा है तथा वैर, नफरत, ईच्छा आदि में ग्रस्त हो रहा है जबकि संतो महात्माओं ने हमें दूसरों के आंसू पोंछने, प्यार, विनम्रता, सहनशीलता व आपसी भाईचारे से रहने की प्रेरणा देती है।

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उन्होंने दीवारों रहित संसार का निर्माण करने व पुल बनाने की प्रेरणा दी क्योंकि हमारे मन अंदर बनी तंगदिली की दीवारों से हमारी आपसी दूरी बढ़ती है, इसलिए दीवारों को खत्म करना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि दीवारों व पुलों को बनाने के लिए चाहे मटीरियल एक जैसा लगता है पर दीवार तोडऩे का काम करती है बल्कि पुल हमेशा ही जोडऩे का काम करता आया है इसलिए हम सभी ने पुल का काम करना है। इसी तरह वैर, ईच्छा, नफरत को दूर करके दूसरों के दिलों को प्यार से जीता जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी परिवारिक व संसारिक जिम्मेवारियों को प्राथमिकता देनी चाहिए पर इसके साथ ही जो हमारे जीवन का उसली उद्देश्य है उसको भी हमेशा याद रखना है, परमात्मा का अहसास हमेशा मन में बना कर रखना है। उन्होंने आगे कहा कि हमें स्वार्थ भरपूर भक्ति को छोड़ कर सतगुरु के बताए गए मार्ग पर चलते हुए अपने आप की पहचान करनी चाहिए ।

जब भी परमात्मा की जानकारी पूर्ण सतगुरु से इंसान को प्राप्त होती है तो उसके मन अंदर स्थिरता व सहजता की भावनाएं सहज रूप में ही प्रवेश कर जाती है, जिससे मानवीय गुणों के साथ इंसान भरपूर होता है तथा अपने जीवन को ऊंची सोचों के साथ जीने लगता है तथा उसके अंदर शांति की शुरूआत होती है। उन्होंने आगे कहा कि इंसान जीते जी ही प्रभु परमात्मा की जानकारी हासिल कर सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि जिस तरह पहाड़ों से पानी बहता हुआ धीरे धीरे समुन्द्र में जा मिलता है यदि पानी जम जाए तो वह वहीं ठहर जाता है , पानी की तरह जीवन अंदर हमें भी अपने अंदर सेवा भावना व भले की कामना करते हुए प्रभु परमात्मा प्रति समर्पित होना चाहिए ताकि हमें सुंदर जीवन व्यतीत कर सके।

इस मौके एच.एस.चावला मैम्बर इंचार्ज, एस.पी. दुग्गल जोनल इंचार्ज बंठिडा व जीवन गोयल संयोजक बरनाला ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का बरनाला में पहुंचने पर सत्कार सहित धन्यवाद किया। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व साथ लगते इलाकों से हजारों की गिनती में पहुंची संगतों, श्रद्धालुओं, जिला प्रशासन, गणमान्यों, समुह सेवादारों व सहयोगियों का धन्यवाद किया तथा स्वागत किया।

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