धारा 370 हटाने का लाभ: लोगों को मिलेगा रोजगार, उद्योग स्थापित करने के लिए भूमि का चयन

जम्मू/पुंछ (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के उपरांत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विकास की रफ्तार तेज हो गई है। राजौरी-पुंछ जिलों में बड़े उद्योग स्थापित करने के लिए भूमि का चयन हो चुका है। सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने बाले लोगों की अब खेर नहीं। हजारों कनाल सरकारी भूमि के दस्तावेजों को उच्च अधिकारियों के पास भेज दिया गया है ताकि वह इन जमीन को उद्योग लगाने वाले उद्योगपतियों को दे सके।

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अब देश के कोने कोने में बसा हर भारतीय सरकारी खजाने में सरकार द्वारा तय कीमत चुका इस सरकारी जमीन पर कारोबार कर सकता है। पहले जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के कारण बाहरी राज्यों में बसे लोग एक इंच जगह भी नहीं ले सकता था। लेकिन अब उनके लिए हरेक दरबाजा खोल दिया गया है। पुंछ और राजौरी इन दोनों जिलों में उद्योग स्थापित होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। अब लोगों को भी अनुच्छेद 370 हटाने का लाभ दिखने लगा है। पहले चरण में दोनों जिलों में उद्योग स्थापित करने वाले उद्योगपतियों को दो हजार कनाल जमीन दी जा रही है।

राजौरी जिले के लिए आठ गांवों का चयन किया गया है, जहां औद्योगिक इकाइयों के निर्माण के लिए पर्याप्त राज्य भूमि क्षेत्र की पहचान की गई है। इन गांवों में राजौरी तहसील में दलहोड़ी, नौशहरा तहसील में भजनोवा, सुंदरबनी तहसील में कुलडब्बी और चन्नी, किला दरहाल तहसील में राजपुर कामिला, मंजाकोट तहसील में देरीरलेयोट और दरहाल तहसील में उज्जान गांव शामिल हैं। इन गांवों में कुल भूमि 1553 कनाल और 12 मरला है, जिसमें दलहोड़ी गांव में 376 कनाल, भजनोवा में 340, कुलडब्बी में 127, चन्नी में 112, राजपुर कामिला में 177, देरीरायलोट में 120 और उज्जान गांव में 300 कनाल शामिल हैं।

आवश्यक दस्तावेजों को जिला प्रशासन राजौरी द्वारा अंतिम रूप दे दिया गया है। भूमि के कागजात भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया के लिए उच्च अधिकारियों को भेज दिए गए हैं। इनमें से एक सौ कनाल तक की भूमि को संभागीय आयुक्त द्वारा हस्तांतरित किया जाएगा, जबकि एक सौ कनाल से अधिक जमीन को वित्तीय आयुक्त राजस्व के आदेश पर स्थानांतरित किए जाएगा।

औपचारिकताएं पूरी: जिलाधीश

जिला आयुक्त राजौरी मुहम्मद नजीर शेख ने बताया कि सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और जिला स्तर पर सभी कदम उठाए गए हैं, जिसमें संयुक्त सत्यापन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि मामला अब उच्च अधिकारियों के पास है। इन गांवों में चयनित भूमि का उपयोग औद्योगिक उद्योगों की स्थापना के लिए किया जाएगा।

पुंछ जिले में 352 कनाल भूमि चयनित

पुंछ जिले में चार से पांच गांवों का चयन किया गया है। अधिकारियों ने औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए 352 कनाल भूमि की पहचान की है। इन गांवों में सलवा, टोपा, बेहरा और धारगालून शामिल हैं। ये सभी गांव पुंछ जिले के मेंढर उप जिला में स्थित हैं। सलवाह गांव में, सरकारी अधिकारियों ने एक सौ कनाल भूमि की पहचान की है, जबकि टोपा में 52 कनाल भूमि, बेहरा में सौ कनाल और धारागालून में भी सौ कनाल जमीन की पहचान की गई है। जमीन उद्योगपतियों को हस्तांतरण करने के लिए सभी दस्तावेज उच्च अधिकारियों के पास भेजे जा चुके हैं। इसके अलावा अधिकारियों ने पुंछ की सुरनकोट तहसील के फाजलाबाद गांव में भी जमीन चयन करने की योजना बनाई है। जिला आयुक्त पुंछ राहुल यादव के अनुसार भूमि हस्तांतरण के लिए औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं और अब उच्च अधिकारियों के पास हैं।

उद्योग स्थापित होने से स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

राजौरी व पुंछ दोनों जिलों में उद्योग स्थापित करने के लिए उद्योगपतियों ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए कुछ बड़े उद्योगपतियों ने आवेदन भी कर रखा है। उद्योगपतियों को जमीन मिलते ही औद्योगिक इकाइयों का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि उद्योग स्थापित करने वाले उद्योगपतियों के साथ समझौता किया जाएगा। जिसके तहत उन्हें स्थानीय युवाओं को रोजगार देना ही होगा।

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