होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। हार होती है जब मान लिया जाता है, जीत होती है जब ठान लिया जाता है। किसी शायर की यह पंक्तियां आज के दौर में हर उस शख्स पर सटीक बैठती हैं जो कि इस मुश्किल दौर में अपनी जिम्मेदारी को कर्मठता से निभा रहा है। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जहां लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से कफ्र्यू लगाकर उन्हें घरों में ही रहने के लिए कहा गया है वहीं ऐसे लोग भी है जो कि सरकार के निर्देशों पर लोगों की सुरक्षा के लिए फील्ड में काम कर रहे हैं। जिले के स्वास्थ्य विभाग का एक ऐसा ही दिव्यांग कर्मचारी बुलंद हौंसले के साथ इस मुश्किल घड़ी में अपनी ड्यूटी निभा रहा है। प्राइमरी हैल्थ सैंटर पोसी के अंतर्गत आते सब सैंटर भारोवाल का 38 वर्षीय मल्टी परपज हैल्थ वर्कर जसविंदर सिंह दिव्यांग होने के बावजूद दिन रात स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जिम्मेदारी को तनदेही से निभा रहा है।
प्राइमरी हैल्थ सैंटर पोसी का मल्टी परपज हैल्थ वर्कर शारीरिक अक्षमता के बावजूद भी इस मुश्किल घड़ी में दे रहा है मुस्तैदी से ड्यूटी
जिलाधीश अपनीत रियात ने जसविंदर सिंह की ड्यूटी के प्रति समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस नाजुक दौर में विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से जिम्मेदारी तनदेही से ड्यूटी निभाई जा रही है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी कर रहे जिले के सभी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी इसी एकजुटता से मानवता की सेवा के लिए कार्य करते रहें। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन डा. जसवीर सिंह के नेतृत्व में इस नाजुक दौर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा कार्य प्रशंसनीय है।
उन्होंने कहा कि जसविंदर सिंह जैसे कर्मचारी सभी के लिए प्रेरणा का काम कर रहे हैं जो कि विपरित परिस्थितियों के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा दी गई जिम्मेदारी को पूरी तनदेही से निभा रहा हैं। उन्होंने उम्मीद प्रकट की कि समर्पित भावना से काम करने वाले सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की बदौलत हम इस मुश्किल घड़ी से जल्द निजात पा लेंगे।
समर्पित भावना से काम करने वाले सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की बदौलत हम इस मुश्किल घड़ी से जल्द निजात पा लेंगे
जसविंदर सिंह ने बताया कि 6 सितंबर 2019 में उसे स्वास्थ्य विभाग में बतौर मल्टी परपज हैल्थ वर्कर के तौर पर अपनी सेवाएं देनी शुरु की है। नियुक्ति पत्र देने के दौरान स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने एक बात कही थी कि अपने आप को कभी दिव्यांग नहीं समझना और तनदेही व मेहनत के साथ अपनी ड्यूटी करना, बस यही बात उसके दिमाग में घर कर गई और इसी बात को फोकस करते हुए वह अपनी ड्यूटी कर रहा है और कभी भी मन में इस बात को नहीं आने दिया कि वह शारीरिक तौर पर कमजोर है। जसविंदर सिंह ने बताया कि वर्ष 2009 में एक हादसे के दौरान उसकी टांग कट गई थी,लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और आज वह स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं दे रहा है। जसविंदर ने कहा कि उसके सब सैंटर के अंतर्गत उसके पास करीब 9 गांव आते हैं जहां वह होम क्वारंटीन लोगों का फालोअप करने के अलावा विभाग द्वारा दी गई अन्य जिम्मेदारी भी निभा रहा है।
तनदेही से काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की जिलाधीश ने की प्रशंसा
जसविंदर ने कहा कि आज के दौर में उसे अपनी शारीरिक मजबूरी से ज्यादा अपनी ड्यूटी दिखती है क्योंकि आज समाज मुश्किल दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि जीवन में तो दिक्कतें आती रहती है, इस लिए समस्याओं से दूर नहीं भागना चाहिए बल्कि उसका डटकर सामना करना चाहिए। उन्होंने बताया कि उनके सुपरवाइजर डा. राम गोपाल व बाकी टीम हमेशा उनका हौंसला बढ़ाती है। उसने बताया कि हम एक टीम वर्क के तौर पर काम कर रहे हैं, जिसके चलते रोजाना वह करीब 30 घरों का दौरा कर फालोअप ले रहे हैं। उन्होंने जिला वासियों को अपील की कि उनको घरों में सुरक्षित रखने के लिए ही हम ड्यूटी कर रहे हैं, इस लिए अपने घरों से बाहर न निकले।