सरकार के बड़े-बड़े दावे फेल, जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा हक

राजौरी(द स्टैलर न्यूज़)। जहां एक तरफ कोरोना वायरस लगातार अपना कहर बरपा रहा है वहीं दूसरी ओर प्रवासी श्रमिक दाने-दाने को मोहताज हैं केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली तथा अन्य राज्यों से प्रवासी श्रमिकों के लिए घर-घर राशन पहुंचाया जा रहा है तथा लंगर लगाए जा रहे हैं, लेकिन जिला राजौरी के आधीन तहसील कालाकोट में उसके उलट, प्रवासी श्रमिक दाने-दाने को मोहताज हैं सामाजिक कार्यकर्ता स्थानीय निवासी बाबा बालकृष्ण ने बताया कि कालाकोट में प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति उदासीन रवैया ही अपनाया जा रहा है।

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इस अवसर पर उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं कि प्रवासी श्रमिकों के लिए खाने-पीने का सारा इंतजाम सरकार के द्वारा किया जा रहा है लेकिन ऐसा नहीं है बहुत सारे श्रमिक दाने-दाने को मोहताज हैं। उन्होंने बताया कि कालाकोट कस्बे में ही रह रहे बिहार निवासी श्रमिक राम कुमार पंडित से मेरी बात हुई तो उसने बताया कि हमें सरकार के द्वारा रत्ती भर राशन भी नहीं उपलब्ध करवाया गया है और मेरे अनेक सहयोगी हैं जिन्हें आज तक राशन नहीं मिला है।

यह बड़ी दुख की बात है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के लेफ्टिनेंट गवर्नर गिरीश चंद्र मुर्मू के द्वारा हर जिला सत्र पर सहायता के लिए कहां जा रहा है लेकिन जहां पर प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। स्थानीय मजदूरों व गरीब किसानों को भी मुफ्त की सुविधा से महरूम रखा जा रहा है। लोगों ने लेफ्टिनेंट गवर्नर से गुहार लगाई है कि इस मामले की उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच की जाए और दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाए।

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