होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। जिससे साफ़ पता चल रहा है की महामारी के समय में भी कांग्रेस सरकार बिना किसी तैयारी के भगवान भरोसे चल रही है चाहे मुख्यमंत्री हो या राज्य मंत्री जिस के मन में जो ख्याल आए बोले जा रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला ने कैबिनेट मंत्री पंजाब सुन्दर शाम अरोड़ा के उस बयान की कड़े शब्दों में निंदा की, जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया पर लाइव होकर करफ्यू दौरान बाजार खुलने संबंधी घोषणा की, और कुछ समय बाद उसी बयान को बदलते हुए उन्होंने कहा कि अब बाजार तो खुलेंगे पर सलून, बार्बर और ढाबे नहीं खुलेंगे। सांपला ने कहा कि प्रदेश में ऐसी स्थिति में कोई भी आदेश जारी करने के लिए पूरी रणनिति बना कर एवं उसपर सोच विचार कर प्रशासनिक अधिकारी आदेश दे। परन्तु कैबिनेट मंत्री द्वारा की गई घोषणा पूरी तरह से गलत है।
सुंदर शाम अरोड़ा की तरफ से जारी किए ब्यान में जब उन्होंने कहां की सभी दुकानें खुलेंगे चाहे वह बार्बर, सलून और ढाबे हो। वह भी सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक खुलेंगे परंतु इसके कुछ ही क्षण बाद उन्होंने माफी मांगते हुए एक और वीडियो जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि उनसे एक गलती हो गई है। दुकानें तो खुलेंगी परंतु सलून, बार्बर और ढाबे नहीं खुलेंगे। इस तरह के बयानों से अरोड़ा ने इसे राजनीतिक रंग देते हुए लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है। ऐसा ही वाक्या तब हुआ था जब महाराष्ट्र में किसी ने पहले यह बयान जारी कर दिया था कि रेलगाड़ी से यात्रा शुरू हो जाएगी।
जिस कारण वहां पर भारी भीड़ इक_ी हो गई थी और जिसका नुकसान लोगों को भुगतना पड़ा था और ऐसा ही अब हुआ है। ऐसा हो भी क्यों न जिसके मुख्यमंत्री ही एक निर्णय पर नहीं टिक सकते तो उनके बाकी के मंत्री पद संभाल रहे पदाधिकारी किस प्रकार सही फैसला ले पाएंगे। सही समय पर और सोच समझ कर जनहित के लिए फैसला ले। सांपला ने अपील करते हुए कहा कि यदि वह इस वक्त लोगों की किसी प्रकार से मदद नहीं कर सकते तो वह उन्हें गुमराह भी न करें। समझदारी इसी में है कि खुद भी घर में रहे और दूसरों को भी घर में रहने दे। उन्होंने यह गलती से जो आदेश जारी किए हैं उससे जनता में अफवाहों की स्थिति पैदा होती है, क्योंकि इससे पहले जितने भी आदेश आए हैं वो जिलाधीश की तरफ से ही आए थे और संवैधानिक तौर पर उन्हीं के पास अधिकार हैं। यह समय जनता को सही दिशा देकर कोरोना महामारी से बचाने का है, मगर दुख की बात है कि ऐसे कुछ लोग इस समय भी अपनी राजनैतिक मंशा लेकर लोकप्रियता पाने के लिए किसी भी प्रकार की छूट देने में नहीं चूक रहे और लोगों को जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे है।