होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। अध्यापक दिवस के अवसर पर हिन्दी – पंजाबी के प्रतिष्ठित साहित्यकार डा. धर्मपाल साहिल (रिटायर्ड प्रिंसिपल) के नवप्रकाशित अध्यापकीय सफरनामा ” इक-सफर-एह-वी” का लोकार्पण किया गया। वैदिक संज्ञान एवं शोध संस्थान में जतिंदर सिंह मानकू (संयोजक दृष्टि दा विजन मंच) डा. कन्हैया लाल पराशर, कृष्ण कुमार चौबे, रविन्द्र कुमार तथा योगेश चौबे ने पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक के लेखक जतिन्दर सिंह मानकू ने बताया कि डा. धर्मपाल साहिल पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग में लगभग 38 वर्ष की अपनी सेवा के दौरान अलग-अलग पदों पर कार्यरत रहे।
उन्होंने विज्ञान अध्यापक, लैक्चरर कैमिस्ट्री, जिला एजूसैट कोआर्डिनेटर, सीनियर लैक्चरर इनसर्विस ट्रेनिंग सेंटर और बतौर प्रिंसिपल भी सेवा करते समय अर्जित अनुभवों को इस पुस्तक में पड़ाव दर पड़ाव बहुत ही रौचकता एवं बेबाकी से दर्ज किया है। यह पुस्तक मौजूदा शिक्षा प्रणाली का निडरता से पोस्टमार्टम भी करती है। तथ्य तथा सत्य पर आधारित यह सफरनामा नये अध्यापकों के लिए मार्गदर्शन की भूमिका अदा करेगा। डा. साहिल ने भी अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने अध्यापन कार्य को प्रोफेशन नहीं बल्कि मिशन मान कर सेवा की है उन्होंने कहा कि पुस्तक में उन्होंने स्वंय को पूरी ईमानदारी से उजागर किया है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक को लिखने का उद्देश्य यह है कि अपने अध्यापन के दौरान जो गलतियां उन्होंने की हैं, दूसरे अध्यापक इस दोहराव से बच सकें। इस मौके पर उपरोक्त के अतिरिक्त प्रिं. गुरमीत कौर, रछपाल देवी, रश्मि, मुदिता आदि हाजिर थे। कई साहित्यकारों एवं बुद्धिजीवियों डा. प्रितपाल महरोक, डा. मनमोहन तीर, डा. जसवंत राय, दर्शन सिंह दर्शन, कुलविन्दर जंडा, रंजीव तलवाड़, डा.अशोक सुमन, कशिश होशियारपुरी, डा. हरजिंदर ओबराय, प्रिंसिपल आर. एस. कलेर, अमरीक दयाल, डा. जगतार मिस्त्री, बलजिंदर मान, डा. कुलदीप सिंह, प्रो. जे. बी. सेखों आदि ने पुस्तक का स्वागत करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है।