होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिले के ब्लाक मुकेरियां के गांव दारापुर का प्रगतिशीस किसान कुलदीप सिंह कम समय व कम पानी वाली नई किस्मों की खेती की नवीनतम तकनीक से धान की बिजाई कर पराली को सुचारु ढंग से खेतों में ही प्रबंधन कर संभाल रहा है। इससे जहां वह वातावरण के साथ-साथ पानी को बचा रहा है वहीं खादों की खपत कम होने से जमीन के जरुरी तत्व बचाकर धरती के स्वास्थ्य रखने में भी योगदान दे रहा है। किसान कुलदीप सिंह ने बताया कि उसके पूर्वज विभाजन के समय पाकिस्तान से आकर गांव दारापुर में अलाटमैंट होने के कारण बस गए थे और तब से वे खेती कर रहे हैं। उसने बतााय कि वह गांव में ही 18 से 20 एकड़ में खेती करते हैं और करीब 8 वर्ष से पराली को आग नहीं लगा रहा है।
उन्होंने बताया कि पहले उसने पशुओं के चारे के तौर पर गुज्जरों को पराली देकर पराली की संभाल की, फिर कृषि व किसान भलाई विभाग से पराली का खेतों में ही प्रबंधन करने के लिए रोटावेटर सब्सिडी पर प्राप्त किया। सब्सिडी पर उपकरण प्राप्त करने के बाद वह हर वर्ष फसलों के अवशेषों की संभाल डिस्कों व रोटावेटर का प्रयोग कर करता है। उसने गेहूं व धान की बिजाई के अलावा फसली विभिन्नता क मुख्य रखते हुए छोले, कनौला सरसों, मसूर, मक्की व गन्ने आदि की फसलों की भी बिजाई की है। कुलदीप सिंह ने बताया कि खरीफ सीजन के दौरान पानी के गिरते जल स्तर को मुख्य रखते हुए उन्होंने बिना कद्दू किए धान की सीधी बिजाई विभाग की सिफारिश अनुसार कुछ रकबे में की।
उन्होंने बताया कि धान की सीधी बिजाई करने से पानी की बचत होती है व किसानी के खर्चे भी कम होते हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष उसने इन सीटू मैनेजमेंट स्कीम के अंतर्गत सुपर सीडर सब्सिडी पर प्राप्त किया है व सरकार की हिदायत अनुसार पराली को बिना जलाए अपने सारे रकबे में गेहूं की बिजाई सुपर सीडर से कर रहा है।