होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। जिलाधीश अपनीत रियात ने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी माता-पिता अपने अनचाहे बच्चों को मारने, कूड़े या झाडिय़ों जैसे असुरक्षित स्थानों पर फेंकने के स्थान पर जिले में स्थापित पंघूड़े(शिशु सुरक्षा घर) में छोड़े, जिससे बच्चे की जान भी बच जाएगी व यह बच्चा आगे किसी जरुरतमंद परिवार को कानूनी रुप में गोद दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में यह पंघूड़ा (शिशु सुरक्षा घर) सिविल अस्पताल होशियारपुर के इमरजेंसी वार्ड के बाहर लगा हुआ है। उन्होंने जिला वासियों को अपील करते हुए कहा कि कोई भी माता-पिता अपने अनचाहे बच्चे को पंघूड़े में छोड़ कर उसके साथ लगी घंटी दबा कर जा सकता है।
बच्चा छोडऩे वाले माता-पिता के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट माता-पिता की ओर से त्यागे गए बच्चों को सुरक्षा प्रदान करता है। ऐसे बच्चों की पहचान मीडिया की ओर से उजागर नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति इसका उल्लंघन करता है तो उसको जुवेनाइल जस्टिम एक्ट के अंतर्गत 6 माह तक की सजा या दो लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनो हो सकते हैं। इस लिए माता-पिता को अपील की जाती है कि वे अपने अनचाहे बच्चे को बिना किसी डर के सुरक्षित तरीके से पंघूड़े में छोड़े ताकि उस बच्चे का जीवन भी बच सके व उसको जरुरतमंद परिवार को कानूनी प्रक्रिया से गोद देकर उसका भविष्य भी सुरक्षित किया जा सके।