प्रशासन ने सिविल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट को चलाने और संभाल के लिए पक्के तौर पर स्टाफ किया तैनात

जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। सिविल अस्पताल में आक्सीजन प्लांट ने काम करना शुरू कर दिया गया है और जि़ला प्रशासन की तरफ से प्लांट को चलाने और देख -रेख करने के लिए पक्के तौर पर स्टाफ तैनात कर दिया गया है। सहायक कमिश्नर हरदीप सिंह ने आज इस प्लांट का जायज़ा लिया गया, जिसके द्वारा मरीज़ों को आक्सीजन की स्पलाई की जा रही है। इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए जिलाधीश जालंधर घनश्याम थोरी ने बताया कि शहीद बाबू लाभ सिंह सिविल अस्पताल राज्य का पहला ऐसा अस्पताल बन गया ,जिसके पास अपनी आक्सीजन तैयार करने वाले प्लांट के इलावा गंभीर कोविड के मरीज़ों को मानक इलाज उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार किया गया है। थोरी ने बताया कि चार तकनीकी अपरेटर और सुपरवाइजऱ जिसमें नरिन्दर सिंह, शिव दयाल, भुपिन्दर सिंह और संदीप शामिल हैं को 24 घंटे प्लांट को चलाने और देख -रेख करने की जि़म्मेदारी सौंपी गई है। उन्होनें बताया कि 88.20 लाख रुपए की लागत के साथ 700 एल.पी.एम. क्षमता के बनने वाले इस प्लांट पर काम पिछले साल दिसंबर महीने में जालंधर अधारित निजी फर्म की तरफ से शुरू किया गया था। श्री थोरी ने बताया कि इस प्लांट की तरफ से रोज़ाना की 700-एल.पी.एम. आक्सीजन तैयार की जायेगी, जो कि 225 से 300 सैलंडरों के बराबर होगी। उन्होनें बताया कि प्लांट के सिविल हस्पताल में लगने से विक्रेता तौर पर दूसरे प्राईवेट अस्पतालों के लिए आक्सीजन सैलंडरों की स्पलाई भी की जा सकती है।

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श्री थोरी ने आगे बताया कि प्लांट की तरफ से सिविल अस्पताल में गंभीर मरीज़ों के लिए जीवन रक्षक गैस की निर्विघ्न स्पलाई को यकीनी बनाया जायेगा। श्री थोरी ने बताया कि यह कोविड महामारी से कीमती जानें बचाने में अहम भूमिका निभाएगा और स्तर -2 के मरीजों के लिए कोविड महामारी का प्रभावशाली ढंग के साथ मुकाबला करने में मददगार साबित होगा। उन्होनें बताया कि सिविल अस्पताल में सभी 340 बैंडों पर आक्सीजन स्पलाई लाईन पहले ही लगाई जा चुकी है और भविष्य में इस जीवन रक्षक गैस की किसी तरह की कमी नहीं आयेगी। जिलाधीश ने बताया कि कोविड मरीज़ों के इलाज के लिए यह प्राथमिक ज़रूरत है और यह प्लांट कोविड -19 खि़लाफ़ जंग में अहम भूमिका निभाएगा। श्री थोरी ने जि़ला निवासियों से अपील करते हुए कहा कि कोविड के लक्षणों को हलके में न लिया जाये और तुरंत कोविड टैस्ट करवाने के इलावा नज़दीक की स्वास्थ्य संस्था से संबंध कायम किया जाये, जिससे इस वायरस को फैलने से रोका जा सके। उन्होनें बताया कि लोग बहुत देरी के बाद डाक्टरों के पास आते हैं, तब तक उनका स्वास्थ्य काफी खराब हो जाता है। उन्होनें कहा कि राज्य सरकार के पास महामारी के साथ निपटने के लिए साधनों की कोई कमी नहीं है।

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