हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़),रजनीश शर्मा । हमीरपुर जिले के उपमंडल बड़सर के जमली गांव के पूर्व सैनिक अजमेर सिंह ने अपने इकलौते बेटे परमजीत को कृषि कानूनों का समर्थन करने पर संपत्ति से बेदखल कर दिया है। पूर्व सैनिक का कहना है कि उसके इकलौते बेटे परमजीत सिंह को यह तक पता नहीं कि कब कौन सी फसल बीजी जाती है। घर में बैठकर मुफ्त का खाना खाता है।
कृषि कानूनों के विरोध में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ टीवी पर इंटरव्यू देने वाले बेटे से नाराज पिता ने उसे अपनी चल-अचल संपत्ति से बेदखल कर दिया है। देश में इस तरह का यह पहला मामला बताया जा रहा है।
पूर्व सैनिक अजमेर का देश प्रेम अभी भी कहा रहा हिलोरे
पूर्व सैनिक ने आंदोलन को गलत बताते हुए दिल्ली पुलिस से गुहार लगाई कि आंदोलन में शामिल मेरे देशद्रोही बेटे की मार-मार कर हड्डियां तोड़ दी जाएं। अजमेर सिंह भारतीय सेना से वर्ष 2005 में सेवानिवृत्त हुए हैं। सेवानिवृत्ति के बाद वह अपने गांव में ही एक दुकान चलाते हैं और साथ में खेतीबाड़ी करते हैं।
परमजीत उनका इकलौता बेटा है, जिसकी शादी हो चुकी है। बहू और पोती घर पर हैं, जबकि बेटा दिल्ली में किसान आंदोलन में भाग लेने तीन-चार दिन पहले पहुंच गया।
टीवी चैनल पर इंटरव्यू देते पहचाना बेटा
एक चैनल पर परमजीत को इंटरव्यू देते हुए अजमेर सिंह ने पहचान लिया। स्थानीय चैनल पर दिए इंटरव्यू में परमजीत ने किसानों के आंदोलन को सही बताया और चैनल पर ही प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
यह देखकर अजमेर सिंह भड़क गया और अब उसने अपने बेटे को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया। अजमेर सिंह ने कहा कि दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन सही नहीं है। वहां पर लोग मुफ्त का खाना और अन्य सुविधाएं हासिल कर रहे हैं। अजमेर ने कहा कि वह एक पूर्व सैनिक है और किसानों का हित नए कृषि कानून में हैं।