किसी को हुनरमंद बनाना ही एमएस एशियन फिल्म अकादमी का सपना, फ्री एक्टिंग वर्कशॉप लोगों के लिए एक वरदान: मयंक

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। वैसे तो किसी न किसी रूप में एक्टिंग सभी में देखी जाती है परंतु इस एक्टिंग को कोई आयाम नहीं मिल पाता। दिखती ये भी सबको है पर इसपर किसी का फोकस नहीं जाता। इसलिए इसी एक्टिंग के बीच से हमें थोड़ा आगे दिखने वाली एक्टिंग की ओर निकलना होता है। जैसे टीवी की दुनिया में जो एक्टिंग हो रही है उसे हासिल करने के लिए। लेकिन देखा क्या जाता है कि हम इससे कतरा जाते हैं। कैमरा देखकर अचानक से हमारे आव-भाव बदल से जाते हैं, जैसे पता नहीं हम किसके सामने खड़े हो गए हों आकर। हम वैसे कुछ भी बोलते रहते हैं कॉमेडी करते हैं लेकिन जब हमारा पाला कैमरे से पड़ना होता है तो शब्द अकबका जाते हैं चेहरा उड़ी हुई फिजाओं को बयां कर रहा होता है। पर ऐसा नहीं है कि हम यह करना ही नहीं चाहते, हमारे अंदर भी साधारण सी बात को कुछ अलग अंदाज में कहने की अदा है और दिल के किसी कोने में एक्टिंग की ख्वाहिश दबी हुई है लेकिन क्या करें हो ही नहीं पाता... इसलिए इसी हो ही नहीं पाता को आपसे दूर करने के लिए "एमएस एशियन फिल्म एकेडमी" आपके पास आ गई है। जहां टीवी की दुनिया से जुड़े धुरंदर आपमें लाएंगे कैमरे को फेस करने के साथ झक्कास एक्टिंग का हुनर। यहां एक्टिंग की दुनिया मे कदम रख कुछ कर गुजरने वालों को मिलेगी उनकी मंजिल।

किसी को हुनरमंद बनाना ही अकेडमी का सपना…
एमएस एशियन फिल्म एकेडमी के संचालक मयंक शर्मा और संजली सूरी का कहना है कि उनका एकेडमी खोलने का सबसे बड़ा सपना ये है कि लोग हुनरमंद हों। क्योंकि हुनर एक ऐसी चीज है जो आपके लिए रोजगार के रास्ते खोल देता है और यह सबमें किसी न किसी रूप में छिपा होता है। खासकर एक्टिंग के रूप में क्योंकि ये तो हमसे कुदरत भी करवा रहा है।इसलिए इसी एक्टिंग को अगर एक प्लेटफार्म मिल जाये तो वो काम हमने किया है जिससे लोग यहां से एक्टिंग में महारत हासिल कर अपने भविष्य को उड़ान दे सकें। संचालक मयंक शर्मा और संजली सूरी ने बताया कि अकेडमी में सभी आयु के लोग एक्टिंग सीख सकते हैं। यहां एक्टिंग के साथ-साथ टीवी-सिनेमा की दुनिया से सम्बंधित अन्य सभी चीजों को भी सिखाया जाएगा। जैसे डायरेक्शन, एडीटिंग, सिनेमेटोग्राफी, राईटिंग, मेकिंग। 

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हर 15 दिन में एक वर्कशॉप…
उन्होंने बताया कि एकेडमी द्वारा हर 15 दिन में एक फ्री एक्टिंग वर्क शॉप का आयोजन किया जाया करेगा। यह खासकर उनके लिए जो एक्टिंग सीखना तो चाहते हैं पर उनके पास पैसों का अभाव है। इसके लिए यह फ्री एक्टिंग वर्कशॉप उनके वरदान साबित होगी। इसी फ्री एक्टिंग वर्कशॉप का मकसद उनके अंदर छिपे एक्टिंग के कीड़े को न मरने देकर उन्हें पंख देना है।‌अकेडमी का मोटिव किसी को हुनरमंद बनाने के साथ हर स्तर के टैलेंट को सपोर्ट करना है चाहें वो किसी गली या गरीबी में दबा हो या फिर अमीरी में। अब जैसे कि हमारी अकेडमी ट्राइसिटी में खुली है तो यहां के लोगों को अभिनय से जोड़ने का हमारा उद्देश्य पूरा हो और यहां के लोग बढ़चढ़कर इस ओर बढ़े।

पहली फ्री एक्टिंग वर्कशॉप हुई आयोजित…
रविवार को एमएस एशियन फिल्म एकेडमी द्वारा पहली फ्री एक्टिंग वर्कशॉप आयोजित की गई। जिसमें अलग-अलग उम्र के कई लोगों ने भाग लिया। इसमें बच्चे से लेकर बड़े शामिल रहे और इनको एक्टिंग के गुर सिखाए नानाप्रकार की फिल्मों और वेब सीरीज को लेकर काम कर चुके एक्टर, राइटर एंड डायरेक्टर अमित असीम ने। अमित असीम पॉलीवुड और बॉलीवुड में एक जाना-माना नाम हैं। उन्होंने फ्री वर्क शॉप में भागीदारों को एक्टिंग में परफेक्शन के कई टिप्स दिए।

एक्टिंग को करते रहो, ये याद रखने वाली चीज नहीं…
अमित असीम ने कहा कि एक्टिंग कोई याद करने वाली चीज नहीं है जिसे आप रट लेंगे। एक्टिंग आपको तभी परफेक्ट बनाएगी जब आप उसे परफेक्ट करने में लग जायंगे। इसलिए जब तक आप एक्टिंग में पूरे मन से नहीं जुड़ेंगे, तब तक कुछ भी बेहतर नहीं कर सकते हैं। जब परफेक्शन एक्टिंग में होगा तब आप परफेक्ट होंगे। और एक बात कि एक्टिंग में इमेजिनेशन व ऑब्जर्वेशन का बड़ा रोल है, रोल क्या एक्टिंग चलती ही इससे है। जब आप कुछ कल्पना करेंगे तभी तो आप उसे एक्टिंग दे पाएंगे। फिलहाल एक्टिंग साधना है व इसे निरंतर करते रहना होगा। यही एक्टिंग का सबसे बड़ा मूल मंत्र है। बाकि ट्रेनर आपको उसके अनुभव की ट्रेनिंग देकर आपकी एक्टिंग में चार-चांद लगा ही देगा।

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