जिले के युवाओं का बेहतरीन प्रयास: प्रशासन के आह्वान पर घरेलू एकांतवास कोविड मरीजों की निगरानी व काउंसलिंग के लिए आए आगे

होशियारपुर, 13 मई: डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने कहा कि घरेलू एकांतवास में रहे कोविड मरीजों की सही निगरानी व सही समय पर उन्हें डाक्टरी सहायता मिले इसके लिए जिला प्रशासन के आह्वान पर जिले के कुछ युवा आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि इन युवाओं में इंटर्न डाक्टर, प्रोफेसर, नर्सिंग स्टूडेंटस व जिले के अन्य कालेज के विद्यार्थियों ने पहल कर वालंटियर के तौर पर अपनी सेवाएं देने पर सहमति जताई है, जो कि एक बेहतरीन प्रयास है। आज जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में इन युवाओं के लिए आयोजित ट्रेनिंग के दौरान डिप्टी कमिश्नर ने इनका हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि उनकी ओर से दी गई सेवाएं कोविड के खात्मे को लेकर एक अहम प्रयास है। इस दौरान उनके साथ सहायक कमिश्नर(सामान्य) किरपालवीर सिंह भी मौजूद थे।

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डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि आज मैराकी फाउंडेशन की ओर से आयोजित ट्रेनिंग में जिले के सरकारी कालेज, एस.डी. कालेज, रयात-बाहरा नर्सिंग कालेज, मैरीटोरियस नर्सिंग कालेज, स्वामी सर्वानंदगिरी रिजनल इंस्टीट्यूट पंजाब यूनिवर्सिंटी के विद्यार्थियों के अलावा डी.ए.वी कालेज के प्रोफेसर व 7 इंटर्न डाक्टरों ने हिस्सा लिया और घरेलू एकांतवास में रहने वाले कोविड मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। अलग-अलग सत्रों में विशेषज्ञ डाक्टरों ने वालंटियरों की ओर से दी जाने वाली सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि यह युवा घरेलू एकांतवास वाले पाजीटिव मरीजों को रोजाना कालिंग करेंगे व उनके बुखार, जुखाम, आक्सीजन लेवल आदि संबंधी निगरानी कर उनके पैरामीटर रिकार्ड करेंगे। उन्होंने कहा कि मरीजों की दिनचर्या कैसी हो या और वे क्या सावधानियां अपनाएं इस बारे में भी उनको पूरी जानकारी दी जाएगी और जरुरत पडऩे पर उनकी काउंसलिंग भी की जाएगी।  

अपनीत रियात ने बताया कि मरीजों की रोजाना निगरानी से यह पता चलता रहेगा कि मरीज को कब अस्पताल की जरुरत है। उन्होंने कहा कि ऐसी निगरानी से गंभीर मरीज को समय पर अस्पताल में दाखिल करवाया जा सकेगा जो कि इस मुश्किल समय में बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा कि जिले में कोविड से होने वाली अधिकतर मौतों का कारण मरीजों का अस्पताल में देरी से पहुंचना है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास से घरेलू एकांतवास वाले कोविड पाजीविट मरीजों को इसका काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने इस दौरान वालंटियर के तौर पर अपनी सेवाएं देने वाली युवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी ओर से निभाई जाने वाली इस सामाजिक जिम्मेदारी से कई कीमती जाने बचाई जा सकती है। इस मौके पर सहायक सिविल सर्जन डा. पवन कुमार, मैडिकल स्पेशलिस्ट डा. सर्बजीत सिंह, डा. सैलेश, डा. लक्ष्मीकांत, मैराकी फाउंडेशन से सीमांत के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।  

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