मुख्यमंत्री ने मंडियों की संपत्तियों की ई-नीलामी के लिए पोर्टल शुरूनवीन पहल का मकसद मंडियों के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने के अलावा तेज़ और पारदर्शी बोली प्रक्रिया सुनिश्चित बनाना की शुरुआत

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को राज्य की विभिन्न मंडियों की संपत्तियों की ई-नीलामी के लिए एक पोर्टल ‘emandikaran-pb.in‘ की वर्चुअल ढंग से शुरुआत की। इस पोर्टल को कॉलोनाईज़ेशन विभाग और पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा विकसित किया गया है। इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऑनलाइन पहलकदमी से राज्य की मंडियों के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने में बहुत मदद मिलेगी। कॉलोनाईज़ेशन विभाग और मंडी बोर्ड के इतिहास में इसको एक यादगार पल बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नए शुरू किए गए इस पोर्टल के साथ विभिन्न पक्ष जिनमें किसान और आढ़तिये शामिल हैं, को एक पारदर्शी और तेज़ प्रक्रिया के द्वारा संपत्तियों की खरीद का मौका मिलेगा। विवरण देते हुए मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह ने कहा कि मासिक ई-नीलामी की एक साल के लिए जारी समय-सारणी के अनुसार 2302 प्लॉटों की ई-नीलामी 9 जुलाई, 2021 से शुरू होगी, परन्तु इससे पहले 1 से 8 जुलाई, 2021 तक 154 मार्केट कमेटियों में बोली लगाने वालों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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इन 2302 प्लॉटों में से 375 सब्ज़ी मंडी लुधियाना में और 222 मुल्लांपुर मंडी, लुधियाना में स्थित हैं। इनके अलावा 262 प्लॉट बाघा पुराना मंडी मोगा, 241 प्लॉट कोटकपूरा (फरीदकोट), 217 ममदोट (फिऱोज़पुर), 196 सरहिन्द (फ़तेहगढ़ साहिब), 175 खालड़ा (तरन तारन), 145 समाना (पटियाला), 114 बंगा (शहीद भगत सिंह नगर), 104 भगता भाई का (बठिंडा), 95 लक्कड़ मंडी गढ़ी कानूगो (शहीद भगत सिंह नगर), 70 अमरकोट (तरन तारन), 55 सब्ज़ी मंडी, सन्नौर रोड (पटियाला) और 31 प्लॉट सब्ज़ी मंडी, मोहाली (शो रूम) में स्थित हैं। खरीददारों के लिए ई-नीलामी के लाभ बताते हुए लाल सिंह ने कहा कि इस नई पहल से जहाँ नीलामी प्रक्रिया में तेज़ी, पारदर्शिता और सुरक्षा का पक्ष मज़बूत होगा, वहीं पहले के समय के दौरान खुली नीलामी के लिए मिलने वाले एक दिन के समय के बजाये अब 10 दिन मिलेंगे। ऑनलाइन नीलामी में बोली लगाने वाले अपने घर/कार्यालय से बाहर निकले बिना ही बोली लगा सकते हैं। इससे छूट, इस नई नीलामी प्रक्रिया में समय की कोई रुकावट नहीं होगी, क्योंकि यह प्रक्रिया अपनी आखिरी तारीख़ तक 24&7 चालू रहेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मंडी बोर्ड के अधिकारियों और अमले के लिए नीयर फील्ड कम्यूनिकेशन (एन.एफ.सी.) आधारित इलेक्ट्रॉनिक पहचान पत्र (ई-आई डी) की औपचारिक शुरुआत भी की, जिससे ऐसी तकनीकी कदम उठाने वाला पंजाब, देश का पहला राज्य बन गया है।  इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) अनिरुद्ध तिवाड़ी ने बताया कि ई-नीलामी के साथ विभागों के लागत भी घटेंगे, क्योंकि सॉफ्टवेयर तैयार करने हेतु सिफऱ् एक ही बार ख़र्च करने की ज़रूरत पड़ेगी और भौतिक ढांचा, मानव संसाधन की तैनाती और अन्य अतिरिक्त खर्चे नहीं करने पड़ेंगे। उन्होंने आगे बताया कि इस नई प्रक्रिया के साथ बड़ी संख्या में इच्छुक लोग बोली लगा सकेंगे और ऑनलाइन नीलामी के साथ आम दफ़्तरी कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि बोली प्रक्रिया इससे अलग तौर पर करवाई जाएगी।

इस प्रक्रिया में अधिक लोगों के शामिल होने से अच्छी आमदन भी होगी। इसके अलावा, नियमित तौर पर ऐसी निलामियों से पूरे राज्य में एक समर्थ और मज़बूत मंडी ढांचा विकसित होगा।  इस मौके पर सचिव मंडी बोर्ड रवि भगत ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि मंडी बोर्ड के 22,026 प्लॉटों में से 9902 की बिक्री के साथ राज्य को 905 करोड़ रुपए की आमदन हुई है और 12,124 प्लॉट अभी भी बिकने बाकी हैं। इसके साथ ही कॉलोनाईज़ेशन विभाग के कुल 27,539 प्लॉटों में से 21,790 की बिक्री हो चुकी है, जबकि 5,749 की बिक्री अभी बाकी है। मंडी बोर्ड और कॉलोनाईज़ेशन विभाग के बिना बिके हुए प्लॉटों की कुल अनुमानित कीमत 2020 करोड़ रुपए है, जिसमें से मंडी बोर्ड के प्लॉटों की कीमत 1425 करोड़ रुपए और कॉलोनाईज़ेशन विभाग के प्लॉटों की कीमत 595 करोड़ रुपए है। इस मौके पर अन्यों के अलावा मंडी बोर्ड के सीनियर वाइस चेयरमैन पीटर संधू, संयुक्त सचिव मंडी बोर्ड हरसुहिन्दरपाल सिंह बराड़ और पंजाब आढ़तिया एसोशिएशन के प्रधान विजय कालड़ा भी मौजूद थे।

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