माइनिंग विभाग ने स्पष्ट किया, ब्यास दरिया की जिस जगह पर सुखबीर सिंह बादल गया, वह एक लीगल साइट है

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के माइनिंग विभाग ने स्पष्ट किया है कि ब्यास दरिया की जिस जगह का दौरा करके सुखबीर सिंह बादल की तरफ से नाजायज माइनिंग का कोलाहल डाल कर राजनैतिक शोहरत हासिल करने का यत्न किया जा रहा है, वह साइट पूरी तरह से लीगल है। इस सम्बन्धी माइनिंग विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि ब्यास दरिया की वजीर भुल्लर डी-सिलटिंग साइट का काम ब्लाक नंबर 5 के कंट्रैक्टर मैस. फ्रैंडज़ एंड कंपनी को दिया हुआ है। प्रवक्ता के अनुसार सिर्फ माइनिंग ब्लाक नंबर 5 से ही राज्य सरकार को 34.40 करोड़ रुपए सालाना का राजस्व प्राप्त होता है। जबकि पिछली सरकार के दौरान पूरे राज्य की माइनिंग गतिविधियों से सिर्फ 30-40 करोड़ रुपए सालाना का राजस्व प्राप्त होता था। उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार के शासन के दौरान माइनिंग से राज्य को करीब 300 करोड़ रुपए सालाना का राजस्व मिल रहा है जो कि पिछली सरकार के मुकाबले 10 गुणा ज्यादा है।

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उन्होंने इस मुद्दे को गलत रंग देकर राजनैतिक रोटियां सेकने की सख्त शब्दों में निंदा की और कहा कि उक्त साइट सरकार की तरफ से पंजाब में दरियाओं का कैरिज सामर्थ्य बढ़ाने के लिए लिए गए फैसले अनुसार पास की गई है और यहाँ कोई नाजायज माइनिंग नहीं हो रही। प्रवक्ता के अनुसार वजीर भुल्लर साइट का कुल क्षेत्रफल 69.70 हेक्टेयर है और इसमें लीगल कंसैसनेयर मात्रा 13,63,358 एम.टी. है। जिसमें से अब तक निकाली गई मात्रा 3,11,398 एम.टी. है। माइनिंग विभाग के प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि अमृतसर जिले में किसी भी जगह पर नाजायज माइनिंग नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि माईिनंग के साथ जुड़ा सारा सरकारी स्टाफ बहुत मेहनती और तनदेही से अपनी ड्यूटी निभा रहा है और गैर कानूनी माइनिंग को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।

उन्होंने बताया कि इसके इलावा पंजाब सरकार की तरफ से गैर कानूनी माइनिंग रोकने के लिए एक प्रवर्तन निदेशालय भी स्थापित किया गया है जिसने छापेमारी करके पंजाब की कुछ स्थानों पर गैर-कानूनी खनन के धंधे को रोक कर मशीनरी को कब्जे में लिया है। उन्होंने बताया कि माइनिंग की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विभाग की तरफ से एक वेब पोर्टल भी तैयार किया गया है जिससे किसी भी किस्म की गैर कानूनी माइनिंग न हो सके। प्रवक्ता के अनुसार ब्यास दरिया की वजीर भुल्लर साइट पर नाजायज माइनिंग के लगाए गए इल्जाम सच्चाई से पूरी तरह परे हैं और बिना वजह इसको राजनैतिक रंग दिया जा रहा है।

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