केंद्रीय जेल में कैदियों व हवालातियों को राष्ट्रीय लोक अदालत व नि:शुल्क कानूनी सहायता के बारे में किया जागरुक

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सी.जे.एम-कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी अपराजिता जोशी की ओर से आज केंद्रीय जेल होशियारपुर का दौरा किया गया। इस दौरान उन्होंने कैदी, हवालातियों को 11 सितंबर को लगाई जाने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में बताया व इस संबंधी जानकारी दी कि सैक्शन 320 सी.आर.पी.सी के मुताबिक क्रिमिनल कंपोडेवल केस किए जा सकते है जो कि राष्ट्रीय लोक अदाल में खत्म करवाए जा सकते हैं, जिस पर वादी को बुलाया जाता है व राजीनामे से वह केस खत्म हो जाता है। उन्होंने कहा कि अगर जो केस सैटल हो जाता है, उसमें दोषी को कोर्ट द्वारा बरी किया जाता है व साथ ही कैदी, हवालाती को यह भी बताया जाता है कि वह अपने वकीलों से संपर्क बनाकर रखें व अपने केस के बारे में बात करने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ लें।

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सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी ने बताया कि जिन कैदियों की अपील खारिज हुई है, वे जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी होशियारपुर में वकील ले सकते हैं ताकि अपनी अपील दायर कर सकें। उन्होंने कहा कि अपील चाहे सेशन कोर्ट, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट हो, वे अपनी अपील संबंधी सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी के कार्यालय में प्रार्थना पत्र फार्म व साथ केस से संबंधित दस्तावेज भेज कर नि:शुल्क कानूनी सहायता ले सकता है।

अपराजिता जोशी ने इसके बाद जेल की रसोई में बन रहे खाने का मुआयना किया व इसके बाद लीगल एड क्लीनिक केंद्रीय जेल, होशियारपुर की लाईब्रेरी का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उनके साथ पैनल एडवोकेट हरजीत कौर की ओर से भी कैदियों, हवालातियों को प्लीअ बारगेनिंग के बारे में बताया गया कि प्लीअ  बारगेनिंग क्या होती है, किसको कहते हैं व इसका क्या फायदा है। उन्होंने विस्तार से प्लीअ बारगेनिंग के बारे में बताते हुए कहा कि जिस कैदी की सजा 7 वर्ष से कम है वह अपने वकील के साथ मिलकर दूसरे पक्ष के साथ बैठक के दौरान आपसी राजीनामे के माध्यम से अपने केस का समझौता कर  सकते हैं व संबंधित कोर्ट उस कैदी की सजा कम भी कर सकती है व माफ भी कर सकती है।

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