जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़)। रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के लिए रोजगार पैदा करना विशेष रूप से जिला राजौरी व पुंछ के सीमावर्ती क्षेत्र में संबंधित भारतीय सेना द्वारा की जा रही एक प्रमुख पहल है। महिलाओं को अपने अधिकारों व योजनाओं के बारे में मालूम होना चाहिए। सीमाओं की सुरक्षा के साथ साथ क्षेत्र के विकास व योजनाओं के बारे में सेना जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया करती आ रही है। जिला राजौरी के अंतर्गत त्राला गांव के सरकारी स्कूल में महिला सशक्तिकरण जगरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां छात्राएं ,सेना अधिकारी, जवान, , शिक्षक मौजूद थे। ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सेना ने कहा कि वो दिन गए जब महिलाएं सामाजिक बंधन में जकड़ी हुईं थीं। आधुनिक दुनिया में स्त्री और पुरुष को एक गाड़ी के दो पहिये माना जाता है। समाज तभी फलता-फूलता है जब कोई बाधा और असमानता न हो। वर्तमान में महिलाएं विश्व स्तर पर हर क्षेत्र और पेशे में सक्रिय रूप से शामिल हैं और साबित करती हैं कि वो पुरुषों से कम नहीं हैं। लेकिन अभी भी दुनिया भर में कई जगह महिलाओं को प्रतिबंधों की बाधाओं को तोड़ना है जो उन्हें फलने-फूलने और समाज में योगदान करने के लिए सीमित करते हैं। युवा युवतियों को खेलकूद में भी बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए।
महिलाओं को विभिन्न रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं जैसे तेजस्विनी योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था योजना, विधवा पेंशन योजना, एकीकृत सामाजिक सुरक्षा योजना और लाडली बेटी योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ आदि के बारे में जागरूक किया गया। बेटा एक घर का और लाडली दो घर का चिराग होती है। उन्होंने कहा हम सब को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए।
महिलाओं के सशक्तिकरण का काम कर रही सेना
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