किसानों द्वारा शुगर मिल के समक्ष राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर जाम लगा कर मांगों को लेकर लगाया धरना दूसरे दिन भी जारी

मुकेरियां(द स्टैलर न्यूज़)। शुगर मिल मुकेरियां के समक्ष राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर जाम लगा कर अपनी मांगो को लेकर लगाया गया धरना दूसरे दिन भी जारी संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के निमंत्रण पर 6 अक्टूबर को पंजाब सरकार के साथ हुई बैठक में सरकार द्वारा स्वीकार की गई सभी मांगों को लागू करने में सरकार की विफलता के विरोध में, किसानों से किए गए वादे के अनुसार अधिसूचना जारी करने में सरकार की विफलता और पिछली बैठकों में स्वीकार की गई सभी मांगों को लागू ना करने के विरोध में, बुधवार सुबह 10 बजे पगड़ी संभाल लहर पंजाब के नेतृत्व में भ्रातृ संगठनों ने जालंधर-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित शुगर मिल मुकेरियां के गेट के सामने रोष प्रदर्शन करते हुए गन्ने की ट्रालियां लगाकर चक्का जाम शुरू कर दिया जो आज दूसरे दिन भी लगातार जारी है।

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किसान जत्थेबंदियों के सदस्यों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर ते हुए दावा किया कि मांगें पूरी ना होने तक चक्का जाम जारी रहेगा। दूसरी तरफ दो दिन से लगे जाम के कारण दूरदराज से आने जाने वाले लोगों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।इस सबंधी बातचीत करते हुए मुनीष मन्हास, कपिल ठाकुर, सरपंच बूटा सिंह, सुमित, अनिल ठाकुर आदि ने कहा कि हम भी किसान है तथा किसानो की समस्याएं बेशक जायज है वह भी किसान भाईयो का समर्थन करते है पर इस तरह से रोड जाम करना क्या उचित है। क्योंकि लगातार रोड जैम करने से बस द्वारा यात्रा करने वाले यात्रियों और इसके अलावा बीमारों, किसी कार्य से आने जाने वाले यात्रियों को रूट डायवर्जन से भी काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि मानसर से हाजीपुर की और रूट डायवर्जन से इस सडक़ पर लम्बा जाम लगने से इस क्षेत्र में रहने वाले लोगो से अपने जरूरी कार्य कर लिए घरो से निकलना भी मुश्किल हो गया है।

स्कूल को जाने वाले छोटे बच्चों को स्कुल आने जाने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांवों की लिंक सडक़ो में लोग अपने वाहनों को लेकर इधर उधर भटक रहे है। कई जगह लिंक सडक़ो में बड़े वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो रहे है। उन्होंने कहा कि पंजाब में और भी बहुत सरकारी व प्राइवेट मिले है पर मुकेरियां में ही क्यों लगातार धरने लगाए जाते है। उन्होंने कहा कि अगर अपनी मांगो को मनवाना है तो सबंधित सरकारी दफ्तरों व मंत्रियों के खिलाफ धरना दिया जा सकता है नाकि आम जनता को परेशान कर। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह किसानो की समस्या का कोई हल निकाल आम लोगो की परेशानियों का समाधान करे।

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