होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान ने यह घोषणा तो कर दी कि सभी मंत्री, अधिकारी वीआईपी कल्चर से छुटकारा पाएं और जब भी प्रवास पर जाते हैं पांच तारा होटलों में न रहें। सर्किट हाउसों में रहें। क्या भगवंत मान जी जानते हैं कि पंजाब के कितने सर्किट हाउस बेच दिए गए। उक्त बात भाजपा की वशिष्ठ नेता लक्ष्मीकांता चावला करते हुए कहा कि अमीरों के लिए होटल बनाने के लिए सर्किट हाउस दे दिए गए हैं। अमृतसर में सर्किट हाउस के नए भवन का उद्घाटन श्री बेअंत सिंह जी ने 1995 में किया। बीस करोड़ रुपये की लागत से बने इस सुंदर विशाल 16 कमरों वाले भवन को 2015 में तत्कालीन अकाली सरकार ने किसी को लीज पर दे दिया। सर्किट हाउस तोड़ दिया। जनता के खून पसीने की कमाई मिट्टी में मिला दी। इसके बाद अमरिंदर सरकार में भी कैबिनेट में पास करके कुछ सर्किट हाउस होटल आदि बनाने के लिए दिए गए। वैसे पंजाब के साथ बहुत बड़ा अन्याय था। एक उच्चाधिकारी ने तो यह कह ही दिया कि आजकल कौन सर्किट हाउसों में रहता है।
विदेश जाकर भी तो सभी होटलों में रहते हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान वे सब सर्किट हाउस वापस ले लें जो लीज पर दिए हैं या बेचने की तैयारी में है। सर्किट हाउस वैसे भी सरकार की शोभा है, पहचान है और सभी अधिकारी वहीं रहते थे। यह ठीक है कि अमृतसर का सर्किट हाउस तुड़वाने और बेचने से पहले ही सुखबीर बादल तो अमृतसर के सबसे महंगे होटल में रहते रहे। जांच यह करवाइए कि जो मंत्री और अधिकारी पांच तारा होटलों में रहते हैं उनके खाने-पीने, सुख आराम का प्रबंध किसके पैसे से होता है। उनके चेले चमचे करते हैं या विभाग के अधिकारी अथवा होटल वालों को कुछ दिया ही नहीं जाता और बिल बनाकर सरकार से पैसे लिए जाते हैं। भगवंत मान सारे सर्किट हाउस सजीव बनाएं और उनका सदुपयोग करें।