होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। हिन्दी फिल्म पद्मावती को लेकर पैदा हुए विवाद पर विभिन्न संगठनों से जुड़े युवा नेताओं की बैठक राजपूत नेता लक्की ठाकुर की अध्यक्षता में हुई। इस मौके पर लक्की ठाकुर ने कहा कि वे सभी धर्मों का समान आदर करते हैं तथा किसी को भी किसी की आस्था एवं भावनाओं से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं है। मगर, फिल्म लाइन से जुड़े लोग अकसर ही इतिहास से छेड़छाड़ कर ऐसा काम कर जाते हैं जिससे लोगों की भावनाएं एवं आस्था को तो ठेस पहुंचती ही है साथ ही इतिहास को बदलकर पेश करने से आने वाली पीढिय़ों पर भी बुरा असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार को एक कड़ा कानून बनाकर ऐसी फिल्मों के निर्माण पर रोक लगानी चाहिए जो समाज के किसी भी वर्ग से जुड़े लोगों की भावनाओं को आहत करती हों। उन्होंने कहा कि जिस महान रानी पद्मावती के प्रति एक वर्ग की आस्था और गौरवमयी इतिहास जुड़ा है उन्हें लेकर बनाई गई फिल्म में इतिहास को तोड़मरोड़ कर पेश किया जाना बेहद दुखद एवं शर्मनाक है।
विभिन्न संगठनों से जुड़े युवा नेताओं ने फिल्म पर रोक की मांग की
उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारों को अपने-अपने स्तर पर फिल्म के निर्माता, निर्देशक और कलाकारों पर मामला दर्ज करना चाहिए और फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई जानी चाहिए ताकि जनसाधारण की भवनाओं का सम्मान कामय रह सके। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा न हुआ तो राजपूत सभा ही नहीं बल्कि शूरवीरों और इतिहास में दर्ज वीरांगनाओं के प्रति सम्मान रखने वाला हर शख्स सडक़ों पर उतरने को मजबूर होगा।
युवा राजपूत सभा प्रधान मोंटी ठाकुर, राकेश चावला, मट्टू शर्मा, सुरमु पहलवान, नितिन, सुक्खा, चेतन शर्मा, हरजिंदर सिंह, अमनदीप खुल्लर आदि ने कड़े शब्दों में सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर फिल्म में विवादित और इतिहास से छेड़छाड़ करके डाले गए दृश्यों को काटे बिना अगर फिल्म रिलीज की गई तो इससे निकलने वाले दुष्परिणामों की जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी। इसलिए सरकार व प्रशासन को अमन कानून की भंग होने की संभावना की स्थिति को देखते हुए फिल्म के रिलीज एवं प्रसारण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देना चाहिए ताकि लोगों की भवनाओं का सम्मान हो सके।