भीतर का ज्ञान ही हमें आगे बढऩे की प्रेरणा देता है, गरीबी और अपंगता शिक्षा में बाधा नहीं बन सकते: महासाध्वी किरन जी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: संदीप डोगरा। पूर्व विधायक स्व. प्रिं. ओम प्रकाश बग्गा के शहीदी दिवस को समर्पित गरीबी एवं अपंगता शिक्षा में बाधा नहीं विषय पर विशेष कार्यक्रम उनके सुपुत्र सेवा निवृत्त सिविल सर्जन डा. अजय बग्गा की तरफ से डीएवी स्कूल के हाल में करवाया गया। इस मौके पर जमालपुर लुधियाना में स्थित इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड से आए इकबाल सिंह व उनके विद्यार्थियों ने प्रभु वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सभी को भजनों से मंत्रमुद्ध कर दिया। इस दौरान सुबह सवेरे घर-घर समाचारपत्र पहुंचाने वाले लडक़ों ने ज्योति प्रज्ज्वलित करके डा. ओम प्रकाश बग्गा को श्रद्धांजलि भेंट की और काम के साथ-साथ पढ़ाई करते रहने का संकल्प लिया।

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सीएमसी से पधारे प्रो. डा. विनीत जैसन ने भी स्व. प्रिं. ओम प्रकाश बग्गा को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला

इस मौके पर जैन महासाध्वी किरन जी महाराज ने विशेष तौर से पहुंचकर उपस्थिति को आशीर्वाद दिया और विषय पर बोलते हुए कहा कि हमें अपने भीतर के ज्ञान को पहचानना होगा तथा उसे पहचानने उपरांत हमें कोई भी बाधा हमारे लक्ष्य तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। हमारे भीतर का ज्ञान ही हमें आगे बढऩे की प्रेरणा देता है और गरीबी एवं अपंगता शिक्षा में बाधा नहीं बन सकते। हम हारते तब हैं जब हम अपने भीतर की शक्ति से दूर हो जाते हैं। इसलिए अपने अंदर बैठे प्रभु को सदैव याद रखो और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहो। उन्होंने डा. बग्गा के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि एक पिता को इससे बढक़र श्रद्धांजलि और क्या हो सकती है कि जिस मार्ग पर चलते हुए उन्होंने सफलता की सीढिय़ां चढऩी शुरु की आज बेटा उसी क्षेत्र से जुड़े लोगों खासकर बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक संस्कारी एवं मेहनती पिता के बच्चों की यही पहचान होती है और वह विश्व में ख्याति प्राप्त करते हैं। साध्वी जी ने उपस्थिति को प्रेरणा की कि वह बच्चों को अध्यात्म, शिक्षा और संस्कार प्रदान करें तथा पढ़ाई की इच्छा रखने वाले हरेक उस बच्चे की मदद के लिए तैयार रहें जो आर्थिक तौर से कमजोर हो।

पूर्व विधायक स्व. प्रिं. ओम प्रकाश बग्गा के शहीदी दिवस को समर्पित कार्यक्रम आयोजित

इस मौके पर सीएमसी से पधारे प्रमुख वक्ता प्रो. डा. विनीत जैसन ने भी स्व. डा. बग्गा को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षा की लौ हमारे अंदर जगनी चाहिए, अगर हम इस लौ को पहचानकर आगे बढ़ेंगे तो हमें कोई भी कमी या बाधा नहीं रोक सकेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक ऐसा हथियार है, जिसके माध्यम से हम दुनिया में किसी भी मुकाम तक पहुंच सकते हैं। गरीबी एवं अपंगता शिक्षा में तब तक बाधा नहीं बन सकते, जबतक हम मानसिक तौर पर कमजोर न हों। इसलिए हमें मानसिक तौर पर मजबूत बनना है और पूरी मजबूती से आगे बढ़ते रहना है। ब्लाइंड इंस्टूट्यूट से आए विद्यार्थियों की उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार इन विद्यार्थियों ने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाया है उसी प्रकार हमें अपनी कमजोरी को पहचान कर उसे अपनी ताकत बनाना है।


इस मौके पर अन्य गणमान्यों ने भी स्व. बग्गा जी को श्रद्धांजलि भेंट करते हुए अपने विचार रखे। इस मौके पर विशेष तौर से आमंत्रित किए गए संजीव सूद, जिन्होंने अपनी पढ़ाई समाचारपत्र घर-घर पहुंचाकर पूरी की और एक सैनिक के रुप में देश की सेना में सेवाएं दीं और आज एक कंपनी में अच्छे पद पर कार्य कर रहे हैं को भी सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर डा. अजय बग्गा ने स्व. प्रिंसिपल ओम प्रकाश बग्गा के जीवन एवं संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बग्गा जी ने भी बचपन में पढ़ाई के साथ-साथ समाचार पत्र घर-घर पहुंचाने का कार्य किया और अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने एक अध्यापक के रुप में अपना जीवन समर्पित किया और समाज की एकता एवं अखण्डता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका संघर्षपूर्ण जीवन कि किस प्रकार आज भी हमें प्रेरणा देता है कि जीवन में कामयाब होने के लिए संघर्ष एवं मेहनत से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने समारोह में आए हुए सभी गणामन्यों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर समाचारपत्र घर-घर पहुंचाने वाले व पढ़ाई की इच्छा रखने वाले करीब 15 बच्चों को प्रिं. ओम प्रकाश बज्गा स्कॉलरशिप भेंट करके उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया गया।

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