अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़): सात फरवरी को श्रीनगर में हुए आतंकवादी हमले में अमृतसर के दो नवयुवक मारे गए। दोनों ही वहां रोटी रोजी कमाने के लिए गए थे। यह ठीक है कि सुरक्षा बल पूरी शक्ति से आतंकवाद से लोहा ले रहे हैं, पर आतंकवादी भी कभी न कभी नफरत फैलाने के लिए जम्मू-कश्मीर में बाहर से आए नागरिकों की हत्या कर देते हैं। मेरा जम्मू-कश्मीर सरकार से यह कहना है कि जो व्यक्ति कश्मीर में आतंकवाद का शिकार हुआ, उसके परिवार की आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से सुरक्षा जम्मू कश्मीर सरकार को करनी चाहिए। कश्मीर सरकार ने केवल एक लाख रुपये का चेक और पचास हजार रुपया पीड़ित परिवारों को देकर अपनी ड्यूटी पूरी कर ली, यह उचित नहीं।
मृतकों के परिवारों को कम से कम पचास लाख रुपया प्रति परिवार दिया जाना चाहिए और आतंकवाद पीड़ित परिवारों को जैसी पेंशन पंजाब सरकार देती हे वैसे ही कश्मीर सरकार को भी उन परिवारों को पेंशन देनी चाहिए जिनके परिजन कश्मीर में आतंकवाद का शिकार हुए। जिनके जवान बेटे कश्मीर में आतंकवाद का शिकार हो गए उनको केवल डेढ़ लाख रुपये देकर अपनी ड्यूटी पूरी समझ लेना कभी भी उचित नहीं। सरकार ऐसे सभी परिवारों को कम से कम पचास लाख की आर्थिक सहायता दे और जो उनके आश्रित हैं उन्हें पेंशन दे।