जरूरतमंद अदालत नहीं बल्कि अदालत जरूरतमंद के द्वार पर होगी: चीफ जस्टिस रामालिंगम

जम्मू-कश्मीर (राजौरी), (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। कानून मेला का आयोजन करना जरूरी है ताकि लोगों को कानूनी प्रक्रिया की जानकारी हो सके। अधिकांश लोग जानकारी के अभाव में मामले की प्रक्रियागत जटिलता से परेशान होकर इंसाफ पाने की आशा छोड़ देते हैं। इस प्रकार के आयोजन से कानून की प्रासंगिकता व न्यायिक विशेषता को समझ पायेंगे। जिससे लोगों को इंसाफ मिलने के प्रति विश्वास बढ़ेगा और सामाजिक संरचना को बल मिलेगा तथा समाज के हर स्तर के लोगों को जीने का आयाम प्रस्तुत करेगा। जरूरतमंद अदालत नहीं बल्कि अदालत जरूरतमंद के द्वार पर होगी। यह बातें शनिवार 10 मार्च को जम्मू-कश्मीर हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश माननीय रामालिंगम सुधाकर ने राजौरी (मुरादपुर) में प्रथम कानून मेले का उद्घाटन करने के उपरांत समारोह में कहीं।

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शनिवार को राजौरी (मुरादपुर अल्फागेट के समीप सब्जी मंडी स्थित) जिला लीगल सर्विसेज अथॉरिटी द्वारा आयोजित कानून मेले का उद्घाटन करने के बाद विभिन्न विभागों द्वारा सरकारी योजनाओं व अन्य जानकारियों के लिए लगाए गए स्टाल पर जाकर हाइकोर्ट चीफ जस्टिस सहित अधिकारियों ने जानकारी प्राप्त की।

इस मौके पर एडीसी अवतार सिंह चिब, एसएसपी युगल मन्हास, जिला न्यायाधीश, जिला बार काउंसिल सदस्य, बकील, पीएलवी आदि लोग मौजूद थे।

समारोह को संबोधित करते हुए माननीय चीफ जस्टिस रामालिंगम सुधाकर ने कहा कि हम आपके नौकर हैं, हम आपके लिए यहां आए हैं, चाहे वह विद्यार्थी हो, बच्चा, बहन, मां, बाप, बुजुर्ग व बेसहारा, हमारा फर्ज है आपकी समस्याओं का समाधान करना। जिला लीगल सर्विसेज अथॉरिटी आपकी सेवा के लिए ही है व जरूरतमंद अदालत नहीं जायेंगे बल्कि अदालत उनके पास जाएगी। आप जिस तरह से मदद चाहते हैं उसी तरह से कार्य किया जाएगा।

पाक गोलाबारी से पीडि़त लोगों को दिए रु 9 लाख 92000 राहत राशि के चैक

लोक अदालत तथा तात्कालिक न्यायिक प्रक्रिया के द्वारा लंबित मामलों का निपटारा किया जाएगा। बकील, पैरा लीगल वालंटियर आपको नि:शुल्क सलाह देंगे। पैरा लीगल वालंटियर की नियुक्ति भी की जाएगी, जो दूरदराज के लोगों को सरकारी योजनाओं व कानून की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनायें जमीनी स्तह पर बहुत कम हैं और गिनेचुने लोगों को ही योजनाओं का लाभ मिल रहा है। मजदूर को समय पर उसकी मेहनत, और बेसहारा, बुजुर्गों, विकलांगों को पैंशन मिलनी चाहिए।
इस दौरान माननीय जस्टिस रामालिंगम सुधाकर ने पाक गोलाबारी से पीडि़त 29 लोगों को 9 लाख 92 हजार रुपये की राहत राशि के चैक भेंट किए और इन लोगों को कम्बल आदि समान भी दिया गया।

नारीनिकेतन, पहाड़ी व जीबी होस्टल के बच्चोंं को भी जरूरत का समान दिया गया। कोलमाईन कालाकोट के कर्मचारियों ने विजय कुमार की अध्यक्षता में चीफ जस्टिस को समस्यों के संबंध में जानकारी दी और जस्टिस ने 40 कोलमाईन मजदूरों को सुरक्षा हेलमेंट भेंट किए।

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