प्रशासन की लापरवाही से रुके पड़े हैं विकास के सभी काम, उग्र प्रदर्शन की चेतावनी

जम्मू कश्मीर/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। जिला राजौरी के अंतर्गत विभिन्न सडक़ मार्गों की खस्ता हालत व दर्जनों सडक़ मार्ग पर मलबा होने से वाहन चालकों व राहगीरों के साथ आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन की लापरवाही व लॉकडाउन के बहाने से विकास कार्य के बड़े-छोटे प्रोजेक्ट बंद कर दिए गए। कंडी-मोड़ा सडक़ मार्ग का निर्माण कार्य पिछले 10 सालों से अधर में पड़ा हुआ है, ख्वास, जगलानु, खा, मोड़ा , लडग़ुती सडक़ मार्ग यातायात आवाजाही के लिए बंद पड़ी हुई है। साथ ही सरकारी डिग्री कालेज कोटरंका , अंस कैनाल प्रोजेक्ट, इको पार्क का काम भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है , आईटीआई कालेज का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं किया गया और सरकारी अस्पताल की इमारत का काम भी अधर में लटका के रखा हुआ है।

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प्रशासन की अनदेखी व मिलीभगत से जिस ठेकेदार व संबंधित विभाग को विकास कार्य करवाने का जिम्मा सौंपा गया वह गायब हो गए। जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लोगों ने कहा कि सीमा सडक़ सीमा सडक़ संगठन ( ग्रेफ) की रेखदेख में जारी कोटरंका से राजौरी व खांडली राजौरी से पोठा तक के निर्माण कार्य में धांधली की गई है, जो जारी है। लोगों व वाहन चालकों के कहना है कि सडक़ बनने से पहले टूट चुकी है। क्योंकि सडक़ के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री लगाई गई है। कोटरंका से राजौरी-पोठा के बीच काफी गड्ढे हैं। हाइवे के बीचों-बीच बनाई गई पुलियों के ऊपर मानों सडक़ हादसे के लिए जंप बना दिए हों। इससे साफ लगता है कि मौजूदा ग्रेफ अधिकारियों ने सडक़ निर्माण में लापरवाही बरती है। जो किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकती है। अगर कोई सडक़ हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार ग्रेफ व डीसी राजौरी होगा। सडक़ मार्ग की कमियों को जल्द से सुधारा जाए। यह कहना है कोटरंका ब्लाक के स्थानीय लोगों व वाहन चालकों का। कोटरंका-बुद्धल वासियों व वाहन चालकों ने प्रशासन व संबंधित विभाग को सडक़ पर उतरने की कड़ी चेतावनी दी है। बलवंत सिंह ब्लाक अध्यक्ष अपनी पार्टी , तालिब हुसैन क्लोत्रा, मोहम्मद अमीन व अन्य लोगों ने प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट करते हुए कहा कि प्रशासन की अनदेखी का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। शासन की मिलीभगत व लापरवाही से विकास के सारे काम ठप कर दिए गए है। लॉक डाउन में जिला व उप जिला कोटरंका के प्रशासन का लोगों को कोई सहयोग नहीं मिला है जिससे लोग खफा हैं।

कोटरंका के सारे काम बंद करवा दिए गए है। विकास कार्यों की रेखदेख व लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जमीन माफिया भी प्रशासन के सामने अवैध कब्जे कर रहा है। जहां तक ग्रेफ की सडक़ को भू माफिया ने नहीं बख्शा है और मौजूदा अधिकारी कार्रवाई में अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोटरंका-ख्वास चार सालों से बंद पड़ा हुआ है पहले फिर भी वाहनों की आवाजाही होती थी लेकिन निर्माण कार्य का जिम्मा संभाले ठेकेदार ने सडक़ पर मलबा डालकर सडक़ को बंद कर दिया है जिसपर आम लोग क्या जानवर भी नहीं चल सकते। कोटरंका-बुद्धल व अन्य दूरदराज गांव- क्षेत्रों के लोग आज भी आजादी से पहले की तरह जिंदगी बसर करने को मजबूर हैं।

उन्होंने कहा कि कंडी-मोड़ा सडक़ मार्ग का निर्माण कार्य पिछले दस सालों से अधर में पड़ा हुआ है, जगलानु से मोड़ा, कोटरंका से खा, कंडी से मोड़ा , लडग़ुती सडक़ मार्ग यातायात आवाजाही के लिए बंद पड़ी हुई है। ग्रेफ की रेख देख में चल रहे सडक़ कार्य में धांधली की जा रही है। जिसकी जांच करने के लिए कोई अधिकारी नहीं है। हाइवे के निर्माण में काफी खामियां बरती गईं है। जो कभी भी किसी बड़े सडक़ हादसे का कारण बन सकती हैं साथ ही कहा कि अंस कैनाल प्रोजेक्ट का फायदा जिला राजौरी के दर्जनों गांवों के लोगों व किसानों को मिलना था उस कार्य को तीन साल के अंदर ही रोक दिया गया। फिल्टर प्लांट तो लगा लेकिन पाइप लाइन आजतक गांवों तक नहीं पहुंच सकी। सरकारी डिग्री कालेज कोटरंका , इको पार्क का काम भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है , आईटीआई कालेज का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं किया गया और सरकारी अस्पताल की इमारत का काम भी अधर में लटका के रखा हुआ है।

प्रशासन की अनदेखी व मिलीभगत से जिस ठेकेदार व संबंधित विभाग को विकास कार्य करवाने का जिम्मा सौंपा गया वह गायब हो गए। जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लोगों व वाहन चालकों ने कहा कि ग्रेफ की रेखदेख में जारी कोटरंका से राजौरी व खांडली राजौरी से पोठा तक के निर्माण कार्य में धांधली की गई है, जो जारी है। मतलब सिर्फ सरकारी कागजों में नेशनल हाईवे का नाम दिया गया है। ग्रेफ के इंजीनियर व उच्च अधिकारी बिना जांच परख से निर्माण कार्य करवा रहे हैं। सडक़ बनने से पहले टूट चुकी है। क्योंकि सडक़ के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री लगाई जा रही है। कोटरंका से राजौरी-पोठा के बीच काफी गड्ढे हैं। हाइवे के बीचों-बीच बनाई गई पुलियों के ऊपर मानों सडक़ हादसे के लिए जंप बना दिए हों। इससे साफ लगता है कि मौजूदा ग्रेफ अधिकारियों ने सडक़ निर्माण में लापरवाही बरती है। जो किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकती है। अगर कोई सडक़ हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार ग्रेफ व डीसी राजौरी होगा।

वहीं उन्होंने उपराज्यपाल से विकास कार्यों की सुध लेने के साथ लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। और कहा कि जल्द से विकास कार्यों को शुरू करवाया जाए। लोगों ने कहा कि अगर जल्द ही समस्याओं को दूर नहीं किया गया तो राजौरी-कोटरंका सडक़ मार्ग को कईं दिनों तक बंद कर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा जिसका जबावदेह जिला प्रशासन व संबंधित विभाग होगा।

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