होशियारपुर के साथ स्व. फर्नाडीज का था गहरा रिश्ता: डा. बग्गा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सामाजिक जागरुकता के लिए कार्यकर्ता संस्था सवेरा ने प्रसिद्ध समाजवादी विचारक, ट्रेड यूनियनिस्ट तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है।

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इस संबंधी जारी प्रैस विज्ञप्ति में सवेरा के कनवीनर डा. अजय बग्गा तथा हरीश सैनी ने बताया कि जॉर्ज फर्नांडीस का होशियारपुर के साथ गहरा रिश्ता था। स्व. समाजवादी नेता चौधरी बलबीर सिंह, ओम प्रकाश बग्गा तथा चौधरी इंद्रजीत सैनी ने लंबा समय समाजवादी आंदोलन में जॉर्ज फर्नांडीस के साथ कार्य किया। इन नेताओं के आह्लान पर जिला होशियारपुर में हर साल जॉर्ज फर्नांडीस की अगुवाई में जलसे एवं रैलियां की जाती थी।

समाजवादी नेता जॉर्ज के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया-परिवारवाद और कांग्रेस थे कट्टड़ विरोधी

डा. बग्गा ने बताया कि स्व. फर्नांडीस का जन्म रोमन कैथलिक परिवार में मैंगलोर में हुआ था तथा परिवार ने बंगलोर की चर्च में उन्हें धार्मिक शिक्षा के लिए भेजा था। परन्तु फर्नांडीस चर्च को छोडक़र समाजवादी सोच से प्रभावित होकर सोशलिस्ट पार्टी में शामिल हो गए। 19 साल की उम्र में कोणकणी युवक मैगजीन की शुरुआत की तथा समाजवादी पार्टी की कन्नड़ भाषा की सप्ताहिक अखबार रियात वानी के संपादक बने। सरकार की तरफ से अखबार पर पाबंदी लगाए जाने पर जॉर्ज फर्नांडीस ने मुंबई में एक अंग्रेजी अखबार में बतौर प्रूफ रीडर कार्य किया।

सादगी, नम्रता के प्रतीक जॉर्ज फर्नांडीस प्रभावशाली प्रवक्ता, हिंदी, कन्नड़ व मराठी भाषा के ज्ञाता थे। फर्नांडीस ने केन्द्र में श्री मुरारजी देसायी की सरकार में बतौर उद्योग मंत्री, वी.पी. सिंह की अगुवाई वाली सरकार में बतौर रेल मंत्री तथा अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार के समय बतौर रक्षा मंत्री सेवाएं निभाई। अति व्यवस्ततम एवं सुरक्षा से बफिक्र फर्नांडीस की कोठी में आने-जाने पर कोई पाबंदी नहीं थी। बतौर रक्षा मंत्री उनकी कोठी का तो दरवाजा भी नहीं होता था।

उनका विवाह पूर्व केन्द्रीय मंत्री हिमायु कबीर की बेटी लैला के साथ हुआ पर फर्नांडीस परिवारवाद के दिल से विरोधी थे।  डा. बग्गा ने बताया कि 1975 में इमरजैंसी के दौरान जॉर्ज फर्नांडीस ने लंबा संघर्ष किया तथा डाइनामाइट कांड में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। ऐसे महान नेता सदैव हमारे बीच मौजूद रहेंगे तथा उनके आदर्श एवं जीवन संघर्ष आने वाली पीढिय़ों के लिए प्रेरणास्रोत का काम करेगी। भारत सरकार से अपील है कि वे ऐसे महान व्यक्तित्व को पाठयक्रम में शामिल करवाए ताकि हमारी आने वाली पीढिय़ां अपने नेताओं के बारे में सही जानकारी हासिल कर सके।

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