तिवारी ने उनके स्व. पिता को बदनाम करने वाली वीडियो क्लिप के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत की

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रोपड़ (द स्टैलर न्यूज़)। सीनियर कांग्रेसी नेता और श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार मनीष तिवारी ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठा और आपत्तिजनक प्रचार करने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ भारतीय चुनाव आयोग और पंजाब पुलिस को शिकायत दी है। वीडियो में आरोप लगाया गया है कि उनके पिता स्वर्गीय प्रो वीएन तिवारी दिल्ली में सिख विरोधी दंगों में शामिल थे और सिखों को जलाने के लिए उनके पेट्रोल पंप से पेट्रोल सप्लाई किया गया था। जबकि उनके पिता को दंगों से 6 महीने पहले ही कत्ल कर दिया गया था और उनके पास कभी भी कोई पेट्रोल पंप नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्हें शंका है कि उनके सियासी विरोधी इस वीडियो क्लिप को फैला रहे हैं। तिवारी ने कहा कि उनके पिता को आतंकवादियों ने दंगों से 6 महीने पहले 3 अप्रैल, 1984 को कत्ल कर दिया था और उनके और उनके परिवार के पास कभी भी देश में कहीं पर भी पेट्रोल पंप नहीं रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ बाहरी होने की बात फैलाने में नाकामयाब रहे लोग अब उनके और उनके परिवार के खिलाफ निचले स्तर का झूठा प्रचार कर रहे हैं।

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उन्होंने इस प्रचार को बहुत ही गलत और दुखदायक करार देते हुए कहा कि उनके परिवार का कभी भी कोई पेट्रोल पंप नहीं रहा है। तिवारी ने वीरवार को ट्वीट के जरिए कहा कि श्री आनंदपुर साहिब में उनके विरोधी बहुत ही गलत और दुखद स्तर पर नीचे गिर गए हैं। उनके पिता स्वर्गीय डॉ वीएन तिवारी सांसद, पंजाबी के प्रोफेसर थे, जिनका नवंबर 1984 में की गई निंदनीय हत्याओं से 6 महीने पहले, 3 अप्रैल 1984 को चंडीगढ़ स्थित हमारे घर में कत्ल कर दिया गया था। तिवारी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा है कि उनकी मां एक जाट सिख थी। उनके पिता जी पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में एक शिक्षक थे और मां पीजीआई, चंडीगढ़ से बतौर डीन रिटायर हुई। हमारे परिवार के पास हमारी जिंदगी में देश के किसी भी हिस्से में पेट्रोल पंप नहीं है। हमने आरो/एसएसपी रोपड़, सीईसी व व्हाट्सएप को शिकायत भेजी है।

उन्हें शरारती तत्वों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए। वीडियो में आरोप लगाया गया है कि उनसे 84 के सिख विरोधी दंगों के दौरान सिखों को जलाने के लिए कथित तौर पर फ्री बांटा गया पेट्रोल मनीष तिवारी के पिता स्वर्गीय वीएन तिवारी के पेट्रोल पंप से दिया गया था, जबकि उनका दंगों से 6 महीने पहले कत्ल कर दिया गया था और उनके परिवार का देश में कहीं भी पेट्रोल पंप नहीं है। इस दौरान तिवारी के चुनाव एजेंट पवन दीवान ने चुनाव आयोग को भेजी शिकायत में कहा है कि हमें आशंका है कि यह श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही मुख्य विरोधी राजनीतिक पार्टियों के इशारे पर श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी की छवि खराब करने के लिए किया गया है।

यह क्लिप ना सिर्फ झूठे आरोप लगाती है, बल्कि पंजाब में अलग-अलग संप्रदायों के मध्य हिंसा को भडक़ाने और सांप्रदायिक सद्भावना को बिगाडऩे की कोशिश भी है और यह खतरनाक है। उन्होंने कहा कि यह बयान पंजाब के महान शहीद प्रो वीएन तिवारी, जिन्होंने राज्य में बुरे वक्त के दौरान शांति और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए महान शहादत दे दी थी, को गलत बयान करने के लिए है। प्रो तिवारी पंजाब यूनिवर्सिटी में शिक्षक थे और उनके पास राज्यसभा सांसद की उपाधि थी, जब उन्होंने शांत और प्रगतिशील पंजाब के लिए अपना बलिदान दे दिया। प्रो. तिवारी को ऑपरेशन ब्लू स्टार और श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या से बहुत पहले अप्रैल 1984 को शहीद कर दिया गया था।

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