जवानी की दहलीज से पूर्व नशे की गर्त में जा रही युवा पीढ़ी

हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। एक के बाद एक पकड़े जा रहे नशे के सौदागरों व नशेडिय़ों से समाज का बुद्धिजीवी वर्ग चिंतित हो उठा है। जवानी की दहलीज़ से पूर्व ही नशे की गर्त में जा रही युवा पीढ़ी हमीरपुर जिला व प्रदेश के लिए ख़तरे की घंटी बजा रही है। केवल हमीरपुर जिला में पिछले साढ़े आठ माह के आंकड़ों पर ग़ौर करें तो पुलिस ने एन.डी.पी.सी. एक्ट के तहत 43 मामले दर्ज कर करीब 55 नशे के आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा है। इन 55 आरोपियों में अधिकतम आरोपियों की उम्र 18 से 30 वर्ष के बीच है। पुलिस का आरोपियों को पकड़ सलाखों के पीछे धकेलना तो अच्छा कदम माना जा रहा है लेकिन नशे का मुख्य सरगना अभी तक सलाखों से बाहर है।

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पुलिस द्वारा अलग अलग मामलों में पकड़े गए युवाओं से 7 ग्राम से लेकर 5 किलोग्राम तक नशा पदार्थ पकड़े गए हैं। साढ़े आठ माह में सात किलो से अधिक चरस 350 ग्राम से अधिक चिट्टा पुलिस पकड़ चुकी है। इसके अलावा एक मामला भुक्की तो एक अफीम का नशा पकड़े जाने पर दर्ज किया गया। नशे के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस महानिदेशक एसआर मरढ़ी गंभीरता से विभिन्न जिलों का दौरा कर पुलिस विभाग की बैठकी ले रहे हैं। बैठकों में पंचायत के वार्ड स्तर पर नशे के खिलाफ जागरूकता एवं निगरानी कमेटियां बनाए जाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।

इस बारे में समाज सेवी शान्तनु कुमार का कहना है कि नशे की समस्या को राजनीतिक रंग न देकर इसे एक सामाजिक समस्या समझा जा। उन्होंने कहा कि नशे के आरोपियों को पकडऩा ही काफ़ी है बल्कि इसे जड़ से मिटाने के लिए इसके मुख्य सरगना को भी पुलिस दबोचे। शान्तनु के अनुसार अभिभावकों को भी अपने बच्चों पर पूरी नजऱ रखनी चाहिए तथा संस्कारयुक्त जीवन जीने की प्रेरणा दी जानी चाहिए।
नशे के मामलों को लेकर एसपी हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर का कहना है कि पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ छेड़े अभियान के तहत सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान में पुलिस को जनता का सहयोग भी मिल रहा है।

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