होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। श्रीमती सरस्वती देवी मेमोरियल एजुकेशनल एंड वैल्फेयर सोसायटी की तरफ से भारत सरकार की स्कीम नई-रौशनी (अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्व विकास प्रशिक्षण) अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयों के तहत हैंडहोल्डिंग की बैठक अत्तोवाल होशियारपुर में की गई। सोसायटी चीफआर्गेनाइजर पूजा शर्मा ने बताया कि पर्यावरण पर हमारा जीवन पूरी तरह निर्भर है, क्योंकि एक स्वच्छ पर्यावरण से ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। पर्यावरण, जीवन जीने के लिए उपयोगी वो सारी चीजें हमें उपहार के रुप में उपलब्ध करवाता है। जीवन को सुखी और स्वस्थ्य तरीके से चलाने के लिए, हमें एक स्वस्थ्य और प्राकृतिक पर्यावरण की जरुरत होती है। निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या जंगलों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
मनुष्य अपनी सुरक्षा के साथ रहने के लिए, घरों के निर्माण के लिए, बड़े पैमाने पर जंगलों को काट रहे हैं हालांकि, वो जंगलो की कमी के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में नहीं सोचते। इसने पृथ्वी पर पूरी तरह से जीवन और पर्यावरण के बीच प्राकृतिक चक्र को बाधित किया है। अत्यधिक जनसंख्या के कारण, वातावरण में बहुत से रासायनिक तत्वों की वृद्धि हुई है जो अंत: अनियमित वर्षा और ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनें हैं। हम ग्लोबल वार्मिंग के नकारात्मक प्रभाव को जलवायु और मनुष्य और अन्य जीवित प्रजातियों पर सोच भी नहीं सकते। इस तरह की स्थिति बहुत ही खतरनाक और पृथ्वी पर जीवन की समाप्ति का संकेतक है, जिसे संसार के सभी देशों के द्वारा गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
यह भी सत्य हैं कि, जलवायु में परिवर्तन की क्रियाएं बहुत धीरे-धीरे हो रही हैं हालांकि, ये निरंतर चलती प्रक्रिया बहुत खतरनाक है। पर्यावरण में निरंतर परिवर्तनों के कारण मनुष्य और अन्य जीव जन्तुओं की प्रजातियों की भौतिक संरचना में पीढी दर पीढी निरंतर परिवर्तन हो रहा है। मानव जनसंख्या में वृद्धि के कारण कृषि, खेती-बाड़ी और रहने के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता पड़ती है, जो उन्हें अधिक पेड़-पौधे और जंगलों को काटने के लिए मजबूर करता है इसलिए वनों का उन्मूलन भी अपने बुरे प्रभावों को रखता है। इस मौके पर जीवन कुमारी, बरजिंदर कौर, बलवीर कौर, रजविंदर कौर, वीर कौर आदि उपस्थित थे।