होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सेंट सोल्जर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन लॉ कॉलेज के फैकेलटी सदस्यों की तरफ से कानूनी सिद्धांतों के माध्यम से नागरिकता संशोधन अधिनियम सी.ए.ए. (सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) विषय पर एक सैमीनार का आयोजन किया गया। जिसमें डायरेक्टर डा. सुभाष शर्मा के नेतृत्व में प्रो. संदीप रानी, प्रो. कोमल मेहता, प्रो. अमृतपॉल कौर, प्रो. शोभा गुलाटी, प्रो. इंद्रजीत कुमार, प्रो. हेमंत पांडे, प्रो. रविंद्रजीत कौर, प्रो. नेहा द्वारा पारित सी.ए.ए. के खिलाफ देश में विरोध और प्रदर्शन की मौजूदा स्थिति का उल्लेख किया गया।
इसके अलावा सभी ने संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के प्रावधानों, संविधान की प्रस्तावना और मौलिक अधिकारों के अध्याय में प्रावधानों का हवाला देकर विचार-विमर्श में भाग लिया और विशेष रूप से एक्ट-14 और नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के कानूनी संरक्षण से पहले समानता की गरंटी देता है। प्रिंसिपल सिमी थिंद ने कार्यवाई का संचालन किया। विचार-विमर्श से जो सहमति सामने आई, वह यह थी कि सी.ए.ए. वर्तमान फ़ॉर्म में परीक्षण के लिए उचित वर्गीकरण की अनुमति नहीं है।
अनुच्छेद 14 के तहत अपनी दो आवश्यकताओं के कारण के लिए, समझदारी विभिन्न और वस्तु के साथ सांठगांठ को प्राप्त करने की मांग की। इसके अलावा कानून में न केवल धार्मिक उत्पीडऩ के मामलों को कवर किया जाना चाहिए बल्कि सभी प्रकार और रूपों के राजनीतिक या सामाजिक उत्पीडऩ भी शामिल हैं। ग्रुप के चेयरमैन अनिल चोपड़ा और प्रो-चेयरमैन प्रिंस चोपड़ा ने लॉ कॉलेज की पहल की सराहना की।