बम भोले के जयकारों से गूंजा सीमावर्ती इलाका, महाशिवरात्रि की रही धूम

जयकारों के आगे फीकी पड़ी गोलीबारी की गूंज

जम्मू/राजौरी(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। सीमावर्ती जिला पुंछ में पिछले दो माह से लगातार सीमा पर चल रही गोलाबारी के बीच शुक्रवार को नियंत्रण सीमा (एलओसी) के साथ सटे गांवों में भी महाशिवरात्रि की धूम देखने को मिली। जिला पुंछ के शाहपुर, केरनी सेक्टर में पाकिस्तान ने संघर्ष विराम उल्लंघना करते हुए पुंछ के भारतीय गांवों व सेना चौकियों पर गोलाबारी की, गोलाबारी अभी भी जारी थी, लेकिन बम भोले के जयकारों के आगे पाकिस्तान द्वारा नापाक हरकत में की गई गोलाबारी की गूंज फीकी पड़ी। जिले के मुख्य शिवरात्रि का कार्यक्रम मंडी में स्थित श्री बुड्ढा अमर नाथ स्थल पर आयोजित किया गया।

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– जम्मू के इस जगह भगवान शिव ने भस्मासुर को किया था भस्म

जयकारों के आगे फीकी पड़ी गोलीबारी की गूंजपुंछ नगर व गांवों के मंदिरों में सुबह से ही भक्तजनों की भीड़ लगना शुरू हो गई थी । हर तरफ भोले नाथ के जयघोष से वातावरण भक्तिमय रह। मंदिरों में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंच विशेष पूजा अर्चना कर बाबा जी आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं श्रद्धालुओं ने लंगर प्रसाद ग्रहण किया। शिवरात्रि पर्व को देखते हुए व पाकिस्तान की नापाक हरकत को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। धार्मिक स्थलों पर पहुंचे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मध्यनजर बुलेट प्रूफ वाहन व एंबुलेंस को रखा गया था। वहीं पाकिस्तान की नापाक हरकतों का जवाब भारतीय सेना, बीएसएफ दे रही है। जिला राजौरी में भी महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया गया। मंदिरों में सुबह आरती की गई और इसके बार शिव भक्तों ने शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुरू किया। शिव भक्त भोले बाबा के जयकारे लगाते हुए मंदिर पहुंचे। राजौरी नगर के अंतर्गत नदी के बीचों बीच प्राचीन शिव मंदिर में सुबह से ही भक्तों का मेला लगा रहा। हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे। मंदिर के बाहर मेला भी लगा हुआ था। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल मंदिरों के बाहर तैनात नजर आया।

जवाहर नगर, दस्सल शिव परिवार गुफा, उपजिला सुरनकोट, उपजिला कालाकोट, सीमावर्ती उपजिला मेंढर त्रियाठ आदि के शिव स्थलों में भारी भीड़ रही। मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लाइन लगी रही। महिलाओं ने लाइन में लगकर जल चढ़ाया और परिवार की खुशहाली के लिए भगवान शिव से मन्नतें मांगी। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों में भी विशेष उत्साह महा शिवरात्रि को लेकर नजर आया। गांव के मंदिरों में शिवरात्रि पर उपवास रखने वाली महिलाएं व युवतियां पहुंची। मंदिरों में भगवान शिव के भजनों पर शिव भक्त नृत्य करते हुए नजर आए।

जिला पुंछ के अंतर्गत मंडी में श्री बुड्ढा अमरनाथ जी मंदिर के पुजारी ने बताया कि महा शिवरात्रि का त्यौहार पर सुबह चार बजे से ही भक्तों का आना-जाना शुरू हो गया था। इस दिन भगवान शिव का उपवास रखना काफी फलदायी माना जाता है। शिवरात्रि के दिन भगवान भोले अपने भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होकर उनकी हर मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। भोले बाबा के प्यार के आगे पाकिस्तान द्वारा की जा रही गोलाबारी फीकी है। वहीं महाशिवरात्रि के पर्व पर भंडारों का आयोजन किया गया था जहां पहुंच श्रद्धालुओं ने लंगर प्रसाद ग्रहण किया।

मेले में बच्चों ने की खरीदारी

महा शिवरात्रि पर मंडी में स्थित बुड्ढा के बाहर लगे मेले में बच्चों ने जमकर खरीदारी की। मेले में ग्रामीण क्षेत्र से भी बच्चे अपने अभिभावकों के साथ पहुंचे। सुबह से लेकर सायं तक मेला चला। मेले में काफी भीड़ दिखाई दी।

सुरक्षाबल रहे तैनात

महा शिवरात्रि को लेकर नगर के मंदिरों के बाहर पुलिस कर्मचारी ड्यूटी पर नजर आए। मंदिर के बाहर व अंदर महिला पुलिस कर्मचारियों को भी ड्यूटी पर लगाया गया था। दिनभर पुलिस जवानों, अधिकारियों ने मंदिर में आने वाले असामाजिक तत्वों पर नजर रखे हुए थे। सुरक्षा बल बुलेट प्रूफ वाहन के साथ खड़े थे। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम भी थी।

भोले बाबा के आधार शिविर रनसू (शिवखोड़ी) रियासी में तीन दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें, शनिवार को महा दंगल का आयोजन हुआ। बाबा के दर्शन को बाहरी राज्यों से भी लाखों श्रद्धालुगण पहुंचे। इसमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ शोभा यात्रा, फोटो प्रदर्शनी, विभिन्न विभागों के स्टाल लगे, शनिवार को दंगल का आयोजन किया जा रहा है। भोलेनाथ ने जिस जिस भक्त को अपनी शादी का आमंत्रण किया वहीं दौड़ा चला शिवखोड़ी।

बतादें कि देश के जम्मू संभाग में श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा के बाद दूसरे सबसे बड़े धार्मिक स्थान श्री शिवखोड़ी धाम आता है । जहां भगवान शिव ने भस्मासुर को भस्म किया था। पौराणिक कथा के अनुसार भस्मासुर ने भगवान शिव की आराधना कर उनको प्रसन्न किया, जिसके फलस्वरूप शिव ने उसको मुंह मांगा वर देते हुए कहा कि भस्मासुर जिसके भी सिर पर हाथ रखेगा वह वहीं भस्म हो जाएगा। शिव से वरदान मिलने के बाद भस्मासुर अहंकारी हो गया। उसने अहंकार में आकर शिव को ही भस्म करने की सोची और उनका पीछा करने लगा। भगवान शिव भस्मासुर की मंशा को भांपते हुए शिवखोड़ी की पहाडिय़ों में आकर एक गुफा में बैठ गए।

शिवखोड़ी की प्राकृतिक गुफा संगड़ की पहाडिय़ों में स्थित है। गुफा के भीतर लगभग तीन फीट का प्राकृतिक शिवलिंग है, जिसकी पूजा की जाती है। पुरानी गुफा से भीतर जाने का रास्ता काफी संकरा और टेढ़ा-मेढ़ा है। वहां से खड़े होकर अथवा बैठ कर ही निकला जा सकता है। लगभग तेरह वर्ष पहले कोंकण रेलवे की तरफ से एक नई गुफा का निर्माण किया गया, जिससे श्रद्धालु किसी भी प्रकार से अंदर जा सकते हैं।

शिवखोड़ी के आधार शिविर रनसू से जम्मू, कटड़ा, उधमपुर या फिर अन्य किसी भी स्थान से किसी भी वाहन के जरिये पहुंचा जा सकता है। आधार शिविर से गुफा तक पौने चार किलोमीटर की सरल चढ़ाई है। इसके अलावा घोड़ा-पालकी की भी सेवा ली जा सकती है। समय के अनुसार गठित हुए श्री शिवखोड़ी श्राइन बोर्ड रनसू की तरफ से पैदल ट्रैक पर सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। पानी की व्यवस्था के साथ ही शौचालय भी बनाए गए हैं।

गुफा के बाहर पांच मंजिला इमारत बना कर कमरे बनाए गए हैं। इसके साथ ही लाकर की भी व्यवस्था की गई है। महाशिवरात्रि के मौके पर दो लाख श्रद्धालु आते हैं, जिसके लिए पूरे इंतजाम किए गए। प्रशासन द्वारा सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किए गए थे। तीसरी आंख की निगरानी में धाम पर पहुचंने बाले श्रद्धालु व और धाम के रास्ते व रंसु का बाजार। हर वर्ष की तरह इस बार शनिवार को दंगल में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न राज्यों के पहलवान भाग लेने पहुंच रहे हैं। शिवखोड़ी धाम पर माथा टेकने बालों श्रद्धालुओ का आना जाना लगा हुआ है।

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