होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। होशीयारपुर-ऊना रोड पर गांव बजवाड़ा में स्थित उस मसय तनावपूर्ण बन गई जब एस.बी.ए.सी. सीनियर सेकेंडरी स्कूल बजवाड़ा के बच्चों ने स्कूल प्रबंधक के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। बच्चों में रोष था कि स्कूल प्रबंधन स्कूल की जगह आर्मी अकादमी बनाने जा रही है, जबकि स्कूल में पढऩे वाले 700 बच्चों के भविष्य के बारे में कुछ नहीं सोचा। जिसके चलते उन्हें अपना भविष्य अंधकारमयी होता दिखाई देने लगा है।
बच्चों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जमकर किया रोष प्रदर्शन
एक तरफ जहां पंजाब सरकार प्रदेश में शिक्षा सुधारों की बात करती है तो दूसरी तरफ बच्चों के भविष्य की सोचे बिना ही स्कूल के स्थान पर अन्य संस्थान खोलने की तैयारी की जा रही है। जिसके कारण बच्चों व उनके अभिभावकों में रोष व्याप्त होना स्वभाविक सी बात है। बच्चों एवं अभिभावकों ने रोष व्यक्त करते हुए बताया कि स्कूल की चेयरमैन पूर्व सांसद अंबिका सोनी द्वारा स्कूल की जमीन को आर्मी कैंप के लिए दे दिया गया है। परन्तु दुख की बात है कि उन्होंने स्कूल में पढऩे वाले 700 बच्चों के बारे में कुछ नहीं सोचा। अब वे कहां जाएंगे और कैसे पढ़ाई करेंगे।
उन्होंने प्रशासन और सरकार से अपील की कि सैशन पूरा होने से पहले स्कूल को बंद न किया जाए तथा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो इसके लिए जरुरी प्रबंध किए जाएं। अन्यथा वे स्कूल को पक्के तौर पर ताला जड़ देंगे तथा अंदर नहीं जाएंगे, जबतक कि उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिल जाता। इसकी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चों और अभिभावकों को समझाया तथा स्कूल प्रबंधकों के साथ बात करवाकर बच्चों को स्कूल के अंदर आने के लिए समझाया। लेकिन स्कूल प्रबंधक उन्हें पुख्ता आश्वासन नहीं दे पाया, जिसके बाद बच्चों ने पुन: प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। पता चला है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा जमीन को आर्मी अकादमी के लिए दिया गया है तथा अध्यापकों को अन्य स्कूल में शिफ्ट किए जाने संबंधी भी चर्चाएं हैं।
लेकिन कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं व न ही इस संबंधी पूरी जानकारी दे पाया। परन्तु उनकी बातों से मामला पूरी तरह से साफ है कि स्कूल स्थान पर आर्मी अकादमी बनाए जाने को लेकर प्रबंधन ने हरी झंडी दे दी है तथा इसके चलते बच्चों में अपने भविष्य को लेकर परेशान हो रहे हैं।
स्कूल के प्रिंसिपल राम मूर्ति ने कहा कि बेशक सरकार स्कूल स्थान पर आर्मी अकादमी खोलकर शहर को बड़ी सौगात देने जा रही है। लेकिन उन्होंने इस बात से भी इंकार नहीं किया कि बच्चों के भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए ताकि उन्हें मानसिक परेशानी न हो और वे अपना भविष्य संवार सकें।