अमृत राष्ट्रीय रैकिंग में चंडीगढ़ दूसरे, हरियाणा 12वें और पंजाब 26वें स्थान पर

नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। आवास और शहरी मामलों मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को जानकारी दी गई कि हरियाणा द्वारा ली गई 136 अमृत परियोजनाओं में से 63 परियोजनाओं का काम 693 करोड़ रुपए की लागत से पूरा हो चुका है और 1,875 करोड़ रुपये की 73 परियोजनाएँ कार्यान्वित की जा रही हैं। हरियाणा राज्य के लिए कुल 2,566 करोड़ रुपये की राज्य वार्षिक कार्य योजना (एसएएपी) स्वीकृत की गई थी। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक ऑनलाइन समीक्षा बैठक के दौरान श्री मिश्र ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा की गई प्रगति की सराहना की और उनसे परियोजनाओं को शीघ्रता से लागू करने का अनुरोध किया, ताकि अपेक्षित लाभ लोगों तक समय पर पहुंचे।

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उन्होंने अधिकारियों से केन्द्र की ओर से मिलने वाली सहायता प्राप्त करने के लिए 31 मार्च, 2021 तक विस्तारित मिशन अवधि के भीतर सभी परियोजनाओं को पूरा करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इसके बाद आगे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को अपने स्वयं के संसाधनों के साथ इन परियोजनाओं को पूरा करना होगा। बैठक में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के मिशन निदेशकों के अलावा हरियाणा सरकार की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, पंजाब सरकार के मुख्य सचिव विनी महाजन और चंडीगढ़ के प्रशासक मनोज कुमार परिदा भी शामिल हुए। चंडीगढ़ में 57 करोड़ रुपए के स्वीकृत एसएएपी के की सभी 12 परियोजनाओं के लिए 100 प्रतिशत अनुबंध दिए गए। पंजाब में 2,767 करोड़ रुपए की 185 स्वीकृत राज्य परियोनाओं में से 2,132 करोड़ रुपए की परियोजनाओं के लिए अनुबंध दे दिए गए हैं।

समीक्षा बैठक के दौरान, यह बताया गया कि अमृत की राष्ट्रीय रैंकिंग में हरियाणा 12वें, पंजाब 26वें और चंडीगढ़ दूसरे स्थान पर है। श्री मिश्राा ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की गई प्रगति की सराहना करते हुए उनसे अपने प्रयासों को बनाए रखने और अपने प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए और प्रयास करने का अनुरोध किया।

घरेलू नल के पानी के कनेक्शन: हरियाणा ने अब तक 2.29 लाख नए घरेलू नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। चंडीगढ़ ने नल कनेक्शन के लिए 20,000 के लक्ष्य को पूरा किया है। सचिव ने खराब पाइपलाइन की वजह से होने वाली लीकेज की समस्या पर ध्यान देने पर जोर दिया। उन्होंने इसके लिए प्लंबरों की कार्य दक्षता बढ़ाए जाने का भी सुझाव दिया।

-सीवर कनेक्शन: हरियाणा ने 2.22 लाख सीवर कनेक्शन दिए हैं और पंजाब ने 1.75 लाख नए कनेक्शन दिए हैं। चंडीगढ़ ने 20,000 नए सीवर कनेक्शन की सुविधा प्रदान की है।

-जल निकासी: सचिव ने हरियाणा सरकार को 300 स्थानों पर जल भराव को खत्म करने के लिए बधाई दी।

-स्ट्रीट लाइटों को एलईडी लाइटों में बदलना तथा पानी के पंपों की बिजली खपत की ऑडिट: हरियाणा ने अब तक 1.95 लाख स्ट्रीटलाइट्स को, पंजाब ने 2.51 लाख लाइटों को और चंडीगढ़ ने 43,853 लाइटों को एलईडी लाइटों में बदल दिया है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश से अनुरोध किया गया कि वे स्ट्रीट लाइटों को एलईडी लाइटों से बदलने के काम में और तेजी लाएं।

-ऑनलाइन निमार्ण अनुमति प्रणाली (ओबीपीएस): दोनों राज्यों ने अमृत अभियान से जुड़े अपने शहरों में यह प्रणाली लागू कर दी है। चंडीगढ़ ने आश्वासन दिया कि वह अभियान से जुड़े अपने सभी शहरों में यह प्रणाली 30 “सितंबर, 2020 तक लागू कर देगा।

-क्रेडिट रेटिंग: दो राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में सभी अमृत अभियान वाले शहरों की क्रेडिट रेटिंग का काम पूरा हो चुका है। हरियाणा और पंजाब में से प्रत्येक के ऐसे 5 शहरों और चंडीगढ़ को आईजीआर रेटिंग मिल चुकी है। बैठक के दौरान यह बताया गया कि मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे सभी अभियानों के लिए एक एकीकृत डैशबोर्ड बनाया गया है जहां सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और शहरों से संबंधित जानकारी उपलब्ध होगी। अभियानों में हो रही प्रगति की निगरानी के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश इस सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। श्री मिश्र ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया कि वे मिशनों के विवरणों को नियमित रूप से इस पोर्टल पर अपडेट करते रहें ताकि पोर्टल/डैशबोर्ड पर नवीनतम जानकारी उपलब्ध रहे। इस डेटा का उपयोग राज्यों की प्रगति पर मासिक रैंकिंग की निगरानी, समीक्षा और मूल्यांकन के लिए किया जाता है।

अटल मिशन ऑफ़ रेजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफोर्मेशन अमृत योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 25 जून 2015 को देश भर में 500 शहरों में शुरू की गई थी। देश की 60 प्रतिशत शहरी आबादी को इसके दायरे में लाया गया है। यह 1,00,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसमें जिसमें 5 वर्षों यानी वित्तीय वर्ष 2015-2016 से वित्त वर्ष 2019-2020 तक की अवधि के लिए 50,000 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता का प्रावधान भी शामिल है। इस अभियान के तहत शहरों में पानी की आपूर्ति, सीवरेज और मल निकासी प्रबंधन, जल निकासी, हरित क्षेत्र और पार्क और गैर-मोटर चालित शहरी परिवहन की सुविधाओं को उन्नत बनाना है।

आधारभूत संरचनाओं के विकास के साथ ही इसमें चार वर्षों के दौरान किए जाने वाले सुधारों का एजेंडा भी शामिल है। अभियान के तहत कुल 77,640 करोड़ रुपए की राज्य वार्षिक कार्य योजना (एसएएपी) में से जलापूर्ति क्षेत्र को, 39,011 करोड़ रुपए (50प्रतिशत), सीवरेज और सीवेज प्रबंधन क्षेत्र के लिए 32,456 करोड़ रुपए (42प्रतिशत), जल निकासी परियोजनाओं के लिए 2,969 करोड़ रुपए (4प्रतिशत), गैर-मोटर चालित शहरी परिवहन के लिए 1,436 करोड़ (2प्रतिशत) और हरे भरे स्थानों और पार्कों के निर्माण के लिए 1,768 करोड़ रुपए (2प्रतिशत) आवंटित किए गए हैं। कुल 80,428 करोड़ की परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अनुमोदित किया गया है जिनमें से 66,077 करोड़ की परियोजनाओं के लिए अनुबंध दिए जा चुके हैं। इसमें 11,523 करोड़ रुपए की परियोजनाएं पूरी भी हो चुकी हैं।

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