पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर मिलने वाली आधुनिक मशीनरी को लेकर किसान प्रोत्साहित

जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार की फसलों के अवशेषों की संभाल के लिए इन-सीटू प्रबंधन प्रोगराम के अधीन सब्सिडी पर मिलने वाली हाई -टैक मशीनों को लेकर किसान काफी प्रोत्साहित हैं। किसानों की तरफ से इन अति-आधुनिक मशीनों की खरीद की जा रही है। इस बारे में जानकारी देते हुए डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी ने बताया कि जि़ला प्रशासन की तरफ से पराली जलाने खि़लाफ़ चलाए गए जागरूकता अभियान का हिस्सा बनते हुए कई किसानों ने कृषि और किसान भलाई विभाग की तरफ से सब्सिडी पर उपलब्ध करवाई जातीं हाईटैक मशीनों की निजी खरीद की है।

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इसके साथ ही कई किसान समूह भी इन मशीनों को खरीदने के लिए आगे आए है।उन्होनें बताया कि पिछले दिनों विभाग की तरफ से निकाले गए ड्रा दौरान सफल हुए 424 किसान समूहों की तरफ से जहाँ यह मशीनों खरीदी गई हैं वहीं ड्रा में सफल हुए 331 किसानों ने निजी स्तर पर इन मशीनों की खरीद की है। डीसी ने बताया कि पराली के प्रबंधन के उदेश्य से किसानों की तरफ से खरीद की गई अति-आधुनिक मशीनों संबंधी विभाग के आधिकारियों की तरफ से वितरण प्रक्रिया जारी है और अब तक लगभग 98 प्रतिशत मशीनों की बांट की जा चुकी है। उन्होंने बताया इस प्रक्रिया में लाभपातरियों की मशीन के साथ फोटो, बिल, मशीनों की लंबाई और चौड़ाई सहित लाभापतरियों की पूरी जानकारी शामिल है। उन्होनें कहा कि धान की कटाई का सीजन चल रहा है और अगले हफ़्ते यह और तेज हो जायेगा।

ऐसे में किसानों और किसान समूहों की तरफ से खऱीद की गई अति आधुनिक मशीनें धान की पराली के प्रबंधन के लिए इस्तेमाल की जाएंगी, जिससे पराली जलाने का रुझान कम होगा। डिप्टी कमिशनर ने आगे बताया कि जिले में पहली बार 16 पंचायतों ने भी क्रास रैज़ीड्यू मशीनों (सीआरएम) के लिए अप्लाई किया और इन मशीनों की खऱीद की, जिनका प्रयोग गाँव निवासियों की तरफ से भी किया जायेगा। इससे पराली जलाने के मामलों में गिरावट आऐगी और वातावरण प्रदूषण को कम किया जा सकेगा। उन्होनें बताया कि 189 सहकारी सभाओं, 750 कस्टम हायरिंग सैंटरों और पंचायतों आदि को छोटे और मझोले किसानों को पहल के आधार पर फसलों के अवशेषो के प्रबंधन की मशीनें उपलब्ध करवाने की हिदायतें दी गई हैं। इस बारे में मुख्य कृषि अधिकारी डा. सुरिन्दर सिंह ने बताया कि विभाग की तरफ से फसलों के अवशेषों की सभ्य संभाल प्रोगराम अधीन किसानों को सुपर एसएमएस, चोपर श्रैडर, मलचर, रोटावेटर और आरएमबी सुपर एसएमएस उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और कैंपों में किसानों को इन मशीनों के लाभ के बारे में बताया जा रहा है। उन्होनें किसानों को पराली न जलाने की अपील करते कहा कि इससे मिट्टी के कई पौष्टिक तत्व जल जाते हैं और कई हानिकारक गैसें पैदा होती हैं, जो मानवीय सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक हैं। उन्होनें किसानों को कहा कि जमीन में सुधार के लिए पराली की खेतों में निपटारे के लिए विभाग की तरफ से सब्सिडी पर मुहैया करवाई जाने वाली अति आधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जाये।

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