होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। बीते समय में भाजपा के राष्ट्रीय नेता व पूर्व सांसद अविनाश राय खन्ना ने सडक़ों पर बेसहारा भटक रहे गौधन तथा आवारा पशुओं के कारण हो रही दुर्घटनाओं को रोकने हेतु चीफ सेके्रटरी पंजाब सरकार से सूचना अधिकार एक्ट के तहत जानकारी मांगी थी जिसके चलते चीफ सैक्रेटरी पंजाब सरकार ने यह पत्र डायरैक्टर पशु पालन विभाग पंजाब को अग्रेषित किया था। चीफ सेक्रेटरी पंजाब और पंजाब सरकार की तरफ से पशु पालन विभाग पंजाब ने श्री खन्ना द्वारा मांगी गई जानकारी का जवाब दिया है जो कि असंतुष्टीजनक व गैरजिम्मेदाराना है। इस संबंधी श्री खन्ना के कार्यालय से ज्योति कु मार जौली ने बताया कि श्री खन्ना द्वारा सूचना अधिकार एक्ट के तहत मांगी गई जानकारी को चीफ सेक्रटरी पंजाब ने डायरैक्टर पशु पालन विभाग पंजाब को अग्रेषित कर दिया था जिस संबंधी श्री खन्ना के पांच सवालों के जवाब में पशु पालन विभाग ने बेहत असंतुष्टीजनक और गैरजिम्मेदाराना जवाब दिए हैं जो कि निम्नानुसार हैं:
प्रश्न : प्रदेश में कितनी गऊशालाएं हैं और इनमें गौधन की संख्या क्या है?
उत्तर : कोई रिकार्ड नहीं है।
प्रश्न : सडक़ दुर्घटनाओं में आज तक मरने वाले गौधन की क्या संख्या है और इन दुर्घटनाओं में कितने लोग मरे हैं?
उत्तर : कोई रिकार्ड नहीं है।
प्रश्न : बेसहारा गौधन की वजह से किसानों का कितना नुक्सान हुआ है?
उत्तर : कोई रिकार्ड नहीं है।
प्रश्न : प्रदेश सरकार ने अब तक कऊसेस के नाम पर कितना राजस्व इकट्ठा किया है?
उत्तर : कोई रिकार्ड नहीं है।
प्रश्न : प्रदेश सरकार जनता सेे कऊसेस किस उद्ेश्य के चलते ले रही है?
उत्तर : कोई रिकार्ड नहीं है।
श्री खन्ना ने प्रदेश सरकार के पशु पालन विभाग द्वारा दिए गए इस असंतुष्टीजनक और गैरजिम्मेदाराना जवाब पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि यदि प्रदेश सरकार के पास बेसहारा गौधन तथा वसूले जा रहे कऊसेस संबंधी कोई दस्तावेज अधवा जानकारी नहीं है तो प्रदेश सरकार इस समस्या का हल कैसे करेगी। श्री खन्ना ने कहा कि प्रदेश सरकार कऊसेस के नाम पर जनता से लूट कर रही है। श्री खन्ना ने कहा कि प्रदेश सरकार गौधन संभाल के नाम पर जनता से कऊसेस वसूलकर जनता की आखों में धूल झोंक रही है तथा लोगों की गौधन से जुड़ी धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस मौके पर श्री खन्ना ने कहा कि वे गौधन के सही रखरखाव के मुद्दे को छोड़ेंगे नहीं बल्कि जरू रत पडऩे पर अदालत का सहारा भी लेंगे। गौरतलब है कि श्री खन्ना ने इस मामले संबंधी पहले ही प्रदेश मानवाधिकार आयोग में पटीशन दायर की हुई है।