किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बना मुकेरियां का प्रगतिशील किसान राजेश सैनी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जिले के ब्लाक मुकेरियां के प्रगतिशील किसान राजेश सैनी कृषि में अपनाई गई आधुनिक तकनीकों के कारण आज जिले के किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं। पिछले दस वर्षों से कृषि विभाग से जुड़ कर राजेश विभाग की गाइडलाइन के अनुसार खेती कर रहे हैं और आठ वर्षों से वह धान की पराली को बिना आग लगाए खेतों में ही उसका प्रबंधन करते हैं और अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। अपनी 6 एकड़ जमीन में वे गेहूं, धान, कवार गंदल, सोयाबीन व मसूर की खेती करते हैं।

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राजेश ने बताया कि उन्होंने आई.सी.ए.आर दिल्ली की मदद से 2019 में धान की पराली को खेतों में ही मिलाने के लिए पूसा डिकंपोसर का ट्रायल लगाया था, जिस दौरान आई.सी.ए.आर दिल्ली से प्रिंसिपल वैज्ञानिक माइक्रो बायोलाजी विभाग डा. लवलीन शुक्ला की उपस्थिति में इस ट्रायल की शुरुआत की गई व ट्रायल की प्रदर्शनी के तौर पर अन्य किसानों को भी यह तकनीक अपनाने के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि वे अन्य किसानों को भी इस तकनीक का प्रयोग करने के बारे में जानकारी देते रहते हैं क्योंकि इसका प्रयोग अन्य तकनीकों से सस्ता व लाभदायक है।

किसान राजेश सैनी ने बताया कि 2010 में उन्होंने गेहूं, धान के बदलाव में कवार गंदल(एलोवेरा) की खेती शुरु की व इसका मंडीकरण रामपुर सीकरी(तलवाड़ा) में कैपर कंपनी को जूस व पौष्टिक टानिक के बनाने के लिए करते हैं। राजेश ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की मदद से सोयाबीन के ट्रायल भी लगवाए व परिणाम स्वरुप अच्छा झाड़ पैदा कर मुनाफा भी कमाया। वे इंडीग्रेटिड पेस्ट मैनेजमेंट व इनोवेटिव फार्मर एसोसिएशन होशियारपुर के साथ जुड़ें और उनकी ओर से बताई गई तकनीकों का लाभ भी उठा रहे हैं।

मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि राजेश ने जैविक खेती की ओर ध्यान देते हुए गेहूं, धान का कुछ रकबा जैविक खेती को समर्पित किया है और अन्य किसानों को भी जैविक खेती की ओर आने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने बताया कि वे सरकार की हिदायतों के अनुसार गेहूं, धान की नाड़ व पराली का खेतों में ही प्रबंधन करते है। डा. विनय कुमार ने बताया कि किसान राजेश सैनी समय-समय पर कृषि विभाग के साथ-साथ पी.ए.यू व आई.सी.ए.आर. दिल्ली के माहिरो से भी संपर्क रखते हैं। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से इस वर्ष भी डिकंपोसर का प्रयोग राजेश सैनी के खेतों में व इच्छुक किसानों के खेतों में किया जाना है।

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