भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर विशेष

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। इंदिरा प्रियदर्शनी गांधी जिन्हें राजनीतिक जगत में इंदिरा गांधी के नाम से जाना जाता था का जन्म 19 नवंबर 1917 में नेहरू परिवार में पिता जवाहर लाल नेहरू और माता कमला नेहरू के घर हुआ। जिनका परिवार पहले से ही राजनीतिक रूप से प्रभावशाली था। राजनीतिक माहौल में पली बढ़ी इंदिरा गांधी देश की सर्वप्रथम प्रधानमंत्री बनी जिन्होंने अपने प्रधानमंत्री शासन दौरान कई जन योजनाएं शुरू की जिसके तहत विदेश तथा घरेलू नीति एवं राष्ट्रिय सुरक्षा, परमाणु कार्यक्रम, हरित क्रांति, 1971 के चुनाव में विजय, एकछात्रवाद की ओर झुकाव, भ्रष्टाचार आरोप और चुनावी कदाचार का फैसला, आपातकालीन स्थिति (1975-1977), डिक्री द्वारा शासन और आदेश आधारित शासन आदि इसके अलावा उन्होंने अपने शासनकाल में गिरफ्तारी दी जिसके बाद आप्रेशन ब्लू स्टार चलाया गया। इंदिरा गांधी ने अपना राजनीतिक सफर 1959 और 1960 में इंदिरा गांधी ने चुनाव लड़ा और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं।

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इसके बाद पिता नेहरू के देहांत 27 मई 1964 को इंदिरा गांधी नए पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रेरणा से चुनाव लड़ीं और तत्काल सूचना और प्रसारण मंत्रालय में मंत्री के लिए नियुक्त होकर सरकार में शामिल हुई। 1965 के बाद उत्तराधिकारी के लिए उन्हें केन्द्रीय कांग्रेस पार्टी नेतृत्व में सघर्ष दौरान बहुत से राज्य,प्रदेश, कांग्रेस संगठनों ने उच्च जाति के नेताओं को पदच्युत कर पिछड़ी जाति के लोगों को प्रतिस्थापित करते हुए वोट एकत्र करने में जुट गए तारि राज्य कांग्रेस पार्टी में अपने विपक्ष तथा विरोधियों को मात दी जा सके। इसके बाद 1965 में लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद पार्टी के अध्यक्ष के. कामराज ने इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्ष 1981 में अलगाववादी सिख आतंकवादी समूह के जरनैल सिंह भिंडरावाले पवित्र तीर्थस्थल हरिमंदिर साहिब परिसर में तैनात हो गए। हजारों नागरिकों की उपस्थिति में श्रीमती गांधी ने आतंकवादियों का सफाया करने के लिए एक प्रयास में सेना को धर्मस्थल में प्रवेश करने का आदेश दिया।

31 अक्तूबर 1984 को उन्हें सफदरजंग रोड, नई दिल्ली में स्थित प्रधानमंत्री निवास के बगीचे में इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई। गांधी को उनकी सरकारी कार द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया तथा उन्होंने अस्पताल पहुंचते हुए रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। लेकिन, उनकी मृत्यू की घोषणा नहीं की गई थी। हालांकि डाक्टरों का कहना था कि इंदिरा गांधी ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया था। सुबह 9:18 बजे उन्हें गोलियां मारी गई थी उन्हें 9:30 बजे अस्पताल पहुंचा दिया गया था। इस दौरान समस्त रेडियो चैनलों पर इंदिरा गांधी को गोलियां लगने की खबर 10-11 बजे तक आकाशवाणी नाम के सरकारी रेडियो के जरिये बताई जा चुकी थी, परंतु मौत की खबर देने वाला उस समय सबसे पहले रेडियोबीबीसी था, जिसने दोपहर 1 बजे इंदिरा गांधी की मृत्यू की खबर सुनाई थी। इंदिरा गांधी की मृत्यू से पूरे देश में शोक का माहौल व्याप्त हो गया था। इंदिरा गांधी के अनमोल विचारों से उन्हें शक्ति व मुक्ति का प्रतीक भी कहा जाता रहा है

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